नई दिल्ली: हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald trump) ने भारत पर लगने वाले टैरिफ को 25% से बढ़ाकर 50% कर दिया. इसके तुरंत बाद मीडिया में खबरें आईं कि भारत ने अमेरिका से चल रही रक्षा सौदों पर रोक लगा दी है. लेकिन सरकारी सूत्रों ने साफ किया कि यह खबर झूठी और भ्रामक है. रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका से चल रहे हथियार और उपकरण की आपूर्ति जारी है और कोई सौदा रद्द नहीं किया गया है. साथ ही, आगे के ऑर्डर को लेकर बातचीत भी पहले की तरह जारी रहेगी.
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20 से ज्यादा रक्षा समझौते
भारत और अमेरिका के बीच करीब 20 रक्षा समझौते हैं. दोनों देश हेलीकॉप्टर, ड्रोन, युद्धक विमान, पनडुब्बी-रोधी विमान और इंजन सप्लाई जैसे कई क्षेत्रों में साथ काम कर रहे हैं. भारत अब तक अमेरिका से अपाचे और चिनूक हेलीकॉप्टर, P-8I निगरानी विमान और MQ-9 ड्रोन खरीद चुका है. इसके अलावा तेजस Mk1A फाइटर जेट के लिए GE इंजन का इंतजार है.
भारत ने नहीं रोकी अमेरिका से हथियारों की डील
The news reports on India pausing the talks related to defence purchases with the US are false and fabricated. It is clarified that the various cases of procurement are being progressed as per the extant procedures: Defence Ministry officials pic.twitter.com/2GalSZ59iU
— ANI (@ANI) August 8, 2025
भरोसे की चुनौती
पूर्व मेजर जनरल पद्मनाभ पद्ही ने बताया कि टैरिफ का सीधा असर रक्षा संबंधों पर नहीं पड़ेगा, लेकिन इससे विश्वास की कमी (Trust Deficit) का खतरा बढ़ सकता है. उन्होंने कहा, "रणनीतिक हितों के कारण भारत और अमेरिका के रिश्ते मजबूत रहेंगे, लेकिन व्यापारिक तनाव को संभालना जरूरी है."
रणनीतिक साझेदारी बरकरार
विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग केवल खरीद-फरोख्त तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें संयुक्त सैन्य अभ्यास, तकनीकी साझेदारी और इंडो-पैसिफिक रणनीति भी शामिल है. इसलिए टैरिफ विवाद के बावजूद रक्षा साझेदारी में रुकावट की संभावना कम है.













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