नई दिल्ली, 8 दिसंबर: मंगलवार शाम दिल्ली (Delhi) के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodiya) ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) से मुलाकात की. इससे पहले उपमुख्यमंत्री सिसोदिया समेत दिल्ली के अन्य मंत्रियों ने आरोप लगाते हुए कहा था कि दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री को हाउस अरेस्ट कर रखा है. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया मंगलवार दोपहर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने उनके आवास पर पहुंचे थे. सिसोदिया के मुताबिक उन्हें व अन्य विधायकों को पुलिस ने मुख्यमंत्री से नहीं मिलने दिया. उपमुख्यमंत्री ने पुलिस पर मुख्यमंत्री को हाउस अरेस्ट करने का आरोप लगाया. मनीष सिसोदिया ने अन्य लोगों के साथ सीएम हाउस के बाहर धरना भी दिया.
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, "पुलिस मुख्यमंत्री से लोगों को मिलने नहीं दे रही है. मुख्यमंत्री को इन लोगों ने गिरफ्तार कर रखा है. मुख्यमंत्री को लोगों से मिलने नहीं दे रहें हैं. इसका मतलब मुख्यमंत्री अंडर अरेस्ट है. केंद्र सरकार दिल्ली के स्टेडियमों को जेल बनाना चाहती थी. मुख्यमंत्री ने ऐसा करने से रोका तो उन्होंने मुख्यमंत्री के घर को जेल बना दिया है."यह भी पढ़े: खासने की आवाज निकालकर CM अरविन्द केजरीवाल के भाषण में बाधा पहुचाने की कोशिश.
पुलिस द्वारा आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को रोके जाने पर पार्टी के नेताओं ने पुलिस के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी की. मुख्यमंत्री आवास के बाहर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ मौजूद आम आदमी पार्टी के इन कार्यकर्ताओं ने पुलिस के समक्ष प्रदर्शन भी किया. इन नेताओं ने 'मुख्यमंत्री को रिहा करो रिहा करो' के नारे लगाए.
मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास के बाहर मनीष सिसोदिया ने कहा, "लोग मुख्यमंत्री से मिलना चाहते हैं लेकिन पुलिसकर्मी लोगों को मुख्यमंत्री से मिलने की इजाजत नहीं दे रहे. खुद मुख्यमंत्री भी इन लोगों से मिलना चाहते हैं, लेकिन पुलिस मुख्यमंत्री और लोगों के बीच मुलाकात नहीं होने दे रही. इसका मतलब तो यह है कि सीएम को हाउस अरेस्ट किया गया है."
मुख्यमंत्री आवास के बाहर हुए इस हंगामे के उपरांत मंगलवार शाम मनीष सिसोदिया व उनके साथ मौजूद आम आदमी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं को मुख्यमंत्री से मुलाकात की अनुमति दे दी गई. मनीष सिसोदिया के मुताबिक आम आदमी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं व अन्य लोगों को मुख्यमंत्री की ओर से मिलने की इजाजत थी, लेकिन मुख्यमंत्री आवास पर मौजूद पुलिसकर्मी लोगों को अंदर नहीं जाने दे रहे थे.