दिल्ली वालों पर दोहरी मार! पहले जहरीले प्रदूषण ने निकाला दम, अब पानी की कटौती से लोग हुए बेबस
दिल्ली में प्रदूषण से जनता बेहाल (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में रहने वाले लोगों पर इन दिनों दोहरी मुसीबत आन पड़ी है. दिवाली के बाद दिल्ली की वायु गुणवत्ता (Delhi Air Pollution) गंभीर श्रेणी में आने सांस लेना दुभर हो गया है. जहरीली हवा में रहने के कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां होनी शुरू हो गई है. दिल्लीवालों पर यह संकट अभी टला नहीं था कि यमुना नदी (Yamuna River) में अमोनिया का स्तर बढ़ने के कारण जल आपूर्ति प्रभावित हो रही है. जिस वजह से आज राजधानी के कई इलाकों में पानी की आपूर्ति नहीं हो सकी. दरअसल यमुना नदी के पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ने से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी साफ करने की क्षमता घट गई है. दिल्ली में रविवार को तेज हवाएं चलने की संभावना

दिल्ली में पानी की कमी को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) नेता और दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्डा ने कहा “दिल्ली के पास अपनी कोई नदीं तो है नहीं इसलिए पड़ोसी राज्यों से आने वाले पानी को हम 'वाटर ट्रीटमेंट प्लांट' में साफ कर घरों तक पुंचाते हैं. यमुना नदी में अमोनिया का स्तर बढ़ गया है.” उन्होंने कहा “हरियाणा के जरिए यमुना में प्रदूषण इतना हो गया है कि  'वाटर ट्रीटमेंट प्लांट' की क्षमता घटी है. कुछ इलाकों के अंदर पानी की सप्लाई में भी गिरावट देखी गई.” दिल्ली जल बोर्ड ने डिटेल बुलेटन जारी कर बताया है कि कौन-कौन से इलाकों में पानी की कमी रहेगी.

पानी की आपूर्ति ठप पड़ने से लोग परेशान है और पानी खरीदकर पीने के लिए मजबूर है. दिल्ली के मालवीय नगर के एक स्थानीय नागरिक ने बताया,“हमें पानी न आने का नोटिस भी सुबह मिला. हम घर की सफाई नहीं कर पा रहे हैं। हमें काफी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा है.” वहीं, यमुना विहार में रहने वाली एक महिला ने बताया, "आजकल पानी की बहुत समस्या है. कल से तो पानी आना ही बंद हो गया है. हमने बाहर से पानी मंगाया है. गंदे बर्तन भी पड़े हुए हैं, बहुत परेशानी हो रही है."

उधर, दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए कदम उठा रही है. इसके तहत हवा से धूल के निस्तारण के लिए सड़कों पर पानी छिड़कने के लिए शनिवार को 114 पानी के टैंकर तैनात किए. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने हरी झंडी दिखाकर इन टैंकरों को रवाना करते हुए इसे लोगों की मदद के लिये आपातकालीन उपाय करार दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों के साथ मिलकर हम शहर में वायु प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों-चाहे वह धूल हो, वाहन या जैव ईंधन- पर लगाम लगाने के लिये अभियान चला रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि दिवाली पर पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के साथ शहर में पटाखों के इस्तेमाल से स्थिती बिगड़ी है. हालांकि तेज हवाएं चलने से कल से प्रदूषण के स्तर में थोड़ी गिरावट आई है.

उल्लेखनीय है कि दिल्ली में वर्ष 2020 में दिवाली के अगले दिन 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 435 था जबकि 2019 में 368, 2018 में 390, 2017 में 403 और 2016 में 445 रहा था. इस साल दिवाली के दिन एक्यूआई 382 दर्ज किया गया जोकि वर्ष 2020 में 414, 2019 में 337, 2018 में 281, 2017 में 319 और 2016 में 431 रहा था.