Shraddha Murder Case: महरौली के जंगल से मानव अवशेषों के संदिग्ध 10 टुकड़े बरामद

दिल्ली पुलिस की एक टीम ने मंगलवार को महरौली वन क्षेत्र से मानव शरीर के 10 नमूने एकत्र किए. संदेह है कि ये आफताब अमीन पूनावाला की लिव-इन पार्टनर 27 वर्षीय श्रद्धा वॉकर के शरीर के टुकड़े हैं, जिसकी उसने हत्या कर दी थी और शरीर के 35 टुकड़े कर दिए थे.

आरोपी आफताब अमीन पूनावाला (Photo: ANI)

नई दिल्ली, 15 नवंबर : श्रद्धा वॉकर की कहानी का खूनी अंजाम देखकर हर कोई दहल गया है. यकीन कर पाना मुश्किल हो रहा है कि कैसे कोई आशिक अपनी पार्टनर को इतनी बेरहमी के साथ कत्ल कर उसके टुकड़े-टुकड़े कर सकता है. कत्ल की इस कहानी को जिसने सुना उसके रोंगटे खड़े हो गए. कातिल अब पुलिस की गिरफ्त में है और पुलिस ने अपनी जांच तेज कर दी है. पुलिस सबूतों और गवाहों की तलाश में जुटी है.  Shraddha Murder Case: श्रद्धा जिंदा है, यह दिखाने के लिए उसका इंस्टाग्राम यूज करता था आफताब. 

इस  बीच दिल्ली पुलिस की एक टीम ने मंगलवार को महरौली वन क्षेत्र से मानव शरीर के 10 नमूने एकत्र किए. संदेह है कि ये आफताब अमीन पूनावाला की लिव-इन पार्टनर 27 वर्षीय श्रद्धा वॉकर के शरीर के टुकड़े हैं, जिसकी उसने हत्या कर दी थी और शरीर के 35 टुकड़े कर दिए थे. सूत्रों ने बताया कि नमूने फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं और अगर उनके मानव शरीर के अवशेष होने की पुष्टि होती है तो इन टुकड़ों का श्रद्धा के पिता के डीएनए से मिलान किया जाएगा.

सूत्रों ने कहा, "सबूतों की तलाश जारी है." मंगलवार की सुबह दूसरी बार पुलिस टीम आफताब को श्रद्धा के शरीर के अवशेष बरामद करने के लिए महरौली वन क्षेत्र ले गई, जिसे आरोपी ने 35 टुकड़ों में काट डाला था. श्रद्धा हत्याकांड जैसा था अनुपमा गुलाटी मर्डर केस, पति ने 72 टुकड़े कर डीप फ्रीजर में रखी थी लाश, मिलती-जुलती खौफ की कहानी.

उसे इस इलाके में सबसे पहले सोमवार को ले जाया गया था. पुलिस ने बताया कि 18 मई को शव के टुकड़े करने के बाद आरोपी ने अगले दिन एक बड़ी भंडारण क्षमता वाला नया रेफ्रिजरेटर खरीदा था और अवशेषों को उसमें जमा कर दिया था. बदबू से बचने के लिए वह अपने घर में अगरबत्तियसं जलाया करता था. आफताब कथित तौर पर अमेरिकी अपराध शो 'डेक्सटर' से प्रेरित था, जो एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बताता है जो दोहरी जिंदगी जीता है. सूत्रों के मुताबिक, प्रशिक्षित शेफ होने के नाते आरोपी चाकू का इस्तेमाल करने में माहिर था.

हालांकि अभी तक हत्या का हथियार बरामद नहीं हुआ है. उसने 18 दिनों की अवधि में शरीर के टुकड़ों को विभिन्न स्थानों पर फेंका था. शक से बचने के लिए वह तड़के करीब 2 बजे शव के टुकड़ों को पॉलीबैग में भरकर घर से निकल जाता था. मामला 8 नवंबर को तब सामने आया, जब श्रद्धा के पिता महाराष्ट्र के पालघर से एक पुलिस टीम के साथ महरौली पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी दर्ज कराने आए.

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