नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) के विरोध में शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में डेढ़ महीने से ज्यादा हो गया है जहां धरना प्रदर्शन अब भी चल रहा है. इसी बीच खबर यह भी आ रहा है कि शाहीन बाग के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (Rapid Action Force) की टीम पहुंच गई है. खबर यह भी है कि वहां कि सुरक्षा को और भी बढ़ा दिया गया है. फिलहाल अभी भी वहां पर महिलाएं आंदोलन कर रही हैं. नागरिकता संशोधन कानून की मुखालफत कर रही ये महिलाएं दिल्ली के शाहीन बाग स्थित मुख्य सड़क पर धरने पर बैठी हैं. इन महिलाओं का कहना है कि सीएए भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक है.
शाहीन बाग में चल रहा प्रदर्शन अब सियासी रंग ले चुका है. जहां कांग्रेस इस आंदोलन का समर्थन कर रही है. वहीं बीजेपी पूरी तरह से विरोध में है. चुनावी सभा के दौरान पीएम मोदी ने शाहीन बाग चल रहे आंदोलन पर कहा कि सीलमपुर, जामिया नगर और शाहीन बाग में सीएए विरोधी प्रदर्शन महज संयोग नहीं हैं बल्कि एक राजनीतिक षड्यंत्र हैं ताकि देश के सौहार्द को नुकसान पहुंचाया जा सके.
बता दें कि शाहीन बाग में चल रहे विरोध प्रदर्शन का भी विरोध होने लगा है. नोएडा को कालिंदी कुंज से जोड़ने वाली सड़क से अवरोधक हटाने की मांग को लेकर दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए विरोधी प्रदर्शन स्थल के निकट रविवार को स्थानीय लोगों के एक समूह ने प्रदर्शन किया था. इसके साथ ही दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शन स्थल के पास एक व्यक्ति द्वारा हवा में दो गोलियां चलाने के एक दिन बाद वहां सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. इस बीच, चुनाव आयोग ने दक्षिणपूर्व दिल्ली के डीसीपी चिन्मय बिस्वाल को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है.
गौरतलब है कि सीएए कानून के तहत केंद्र सरकार ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए अल्पसंख्यकों हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, पारसी, व ईसाई शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने के प्रावधान वाला नागरिकता संशोधन कानून लागू किया है. लोकसभा और राज्यसभा द्वारा सीएए को पारित किए जाने के बाद से ही दिल्ली के जामिया वह शाहीन बाग इलाके में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है. इस कानून का विरोध करने वाले लोग इसे असंवैधानिक और धार्मिक आधार पर भेदभाव करने वाला बता रहे हैं.