यूपी-उत्तराखंड के बाद दिल्ली के भ्रष्ट और लापरवाह पुलिस कर्मियों की अब खैर नहीं, जबरन रिटायरमेंट देकर भेजेगी घर
प्रतीकात्मक तस्वीर (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: भ्रष्ट और लापरवाह पुलिस वालों के खिलाफ हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार कार्रवाई करते हुए ऐसे पुलिस वालों को जबरन रिटायरमेंट देकर उन्हें पुलिस महकमे से बाहर कर दिया. वहीं उत्तराखंड में भी जल्द ऐसे पुलिस वालों पर कार्रवाई होने वाली है. इन दोनों राज्यों के बाद देश की राजधानी दिल्ली में भी ऐसे पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई के तलवार लटकाना शुरू हो गई है. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के एक फैसले के मुताबिक पुलिस महकमे में भ्रष्ट और लापरवाह पुलिस वालों के पहचना करने के लिए बोल दिया गया है कि ऐसे पुलिस वालों की पहचान करके उन्हें घर भेज दिया जाये. साथ ही कहा गया है कि उन पुलिस वालों का भी पहचान किए जाये जो पुलिस वाले महकमे में रहते हुए पुलिस का नाम डूबा रहे हैं.

दिल्ली पुलिस की तरफ से ऐसे पुलिस वालों को पहचान को लेकर विजिलेंस की तरफ से एक पत्र जारी किया है. जिसमे सभी जिला पुलिस को आदेश दिया गया है कि जिले में तैनात निष्क्रिय पुलिस कर्मियों की लिस्ट बनाएं और उनको जबरन रिटायरमेंट देकर घर भेजें. इस बाबत जिले में स्क्रीनिंग कमिटी का गठन किया जा रहा है, जो पुलिस कर्मियों के आचरण और कामकाज को आंकते हुए तय करेंगी कि विभाग में उनकी सेवाएं लेने की जरूरत है या नहीं. यह भी पढ़े: यूपी के 600 भ्रष्ट और कामचोर अफसरों पर गिरी गाज, 200 को किया जबरन रिटायर, कईयों पर लटकी तलवार

यह पत्र विजिलेंस एडिशनल सीपी सुमन गोयल की तरफ से जारी किया गया है. जो यह पत्र सभी जिला, यूनिट के डीसीपी को लिखा गया है. सिपाही से एसआई स्तर के कर्मचारियों की छंटनी करने वाली स्क्रीनिंग कमिटी में डीसीपी चेयरमैन होगा, जबकि इंस्पेक्टर स्तर की छंटनी करने वाली कमिटी का हेड जॉइंट सीपी को बनाया जाएगा. यह भी पढ़े: मध्य प्रदेश: लोकायुक्त पुलिस का बड़ा छापा, वन विभाग के अधिकारी के घर से 2 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त

खबरों की माने तो सबसे खास ध्यान पुलिसकर्मी के आचरण पर दिया जाएगा. ऐसे पुलिस वालों के बारे में तो खास तौर से कहा कि जिनके खिलाफ कोर्ट द्वारा आरोप तय किये जा चुके है. फिर भी वे ड्यूटी पर है. ऐसी पुलिस वालों के खिलाफ महकमे का नाम खराब हो रहा है. ऐसे में बेहतर है कि उसको विभाग से बाहर कर दिया जाए.