Delhi: वर्क फ्रॉम होम के नाम पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने का आरोप, पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया

दिल्ली की उत्तर पश्चिम जिला साइबर सेल ने वर्क फ्रॉम होम के नाम पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर महिला समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया हैं.

प्रतिकाम्तक तस्वीर (Photo Credits PTI)

दिल्ली की उत्तर पश्चिम जिला साइबर सेल की टीम ने वर्क फ्रॉम होम के नाम पर नौकरी (Work From Home Jobs) दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर महिला समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया हैं. इन ठगों के कब्जे से 5 मोबाइल, लैपटॉप और एटीएम कार्ड समेत कुछ पेपर बरामद किए हैं. पुलिस के पूछताछ के बाद इन जालसाजों ने पिछले 6 महीने में में  करीब 100 से ज्यादा लोगों से ठगी कर चुके हैं.

इन ठगों ने लोगों से नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन फीस, इंटरव्यू फीस आदि के बहाने रकम ऐंठते थे. जिसके बाद ये उनके संपर्क से दूर हो जाते थे. यदि कोई उनसे संपर्क करना भी चाहता था तो वे उनका फोन नहीं रिसीव करते थे. दिल्ली साइबर सेल के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों की पहचान नोएडा के रहने वाले राहुल सिंह, संध्या और रोहित के रूप में हुई है. यह भी पढ़े: Uttar Pradesh: नोएडा पुलिस ने नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह का किया पर्दाफाश

नौकरी के नाम पर ठगी का शिकार हुई अशोक विहार की रहने वाली दीपशिखा नाम की एक महिला ने दिल्ली के उत्तर पश्चिम जिला साइबर सेल में शिकायत की थी. महिला ने अपनी शिकायत में बताया कि उसने क्विकर डॉट कॉम पर वर्क फ्रॉम होम नौकरी के लिए रजिस्टर किया था. नौकरी को लेकर 18 जून को उसके पास कॉल आया. फोन करने वाले ने महिला को बताया कि उसका बॉयोडाटा नौकरी के लिए चुना गया है.

फोन आने के बाद महिला को नौकरी की उम्मदी बनी. लेकिन फोन करने वाले ने उसे 2500 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस मांगी. महिला ने उस पैसे को भर दी. इसके दूसरे दिन 19 जून को उससे इंटरव्यू के नाम पर 4500 रुपये जमा करने के लिए कहा गया. उस पैसे को भी महिला ने भर दिया. लेकिन उससे बाद महिला से फिर 1500 रुपये की मांग की गई. जिस पर महिला को शक हुआ और वह आगे फिर पैसा भरने से मना कर दिया और साइबर सेल इन जालसाजों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई.

गिरफ्तार तीनों आरोपियों के बारे में पुलिस के पूछताछ में मालूम पड़ा कि कॉल सेंटर में काम कर चुके हैं. ऐसे में उनके पास पहले से ही लोगों का डाटा था. जिन डाटा से लोगों के मोबाइल नंबर निकालकर लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर अपने जाल में फंसा कर उनसे पैसे एठते थे. पुलिस के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ पहले भी शकायत दर्ज हो चुकी है. लेकिन पुलिस इन्हें गिफ्तार नहीं कर सकती थी.

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