नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने पालतू जानवरों के चलते झगड़े करने वाले दो पड़ोसियों को एक अनोखे आदेश के तहत निर्देश दिया कि वे सरकार द्वारा संचालित संस्कार आश्रम, जीटीबी अस्पताल के पास के निवासियों को वेजिटेबल पिज्जा और अमूल छाछ परोसें. यह आदेश FIRs को खारिज करने की शर्त के रूप में दिया गया. मामला 5 मई का है, जब दो पड़ोसियों के बीच पालतू जानवरों के रख-रखाव को लेकर बहस हिंसक झगड़े में बदल गई. दोनों पक्षों ने मनसा रोवर पार्क पुलिस स्टेशन में आपसी FIR दर्ज करवाई, जिसमें क्रिमिनल इंटिमिडेशन, गंभीर चोट और अवैध रोक के आरोप शामिल थे.
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हाईकोर्ट ने क्यों दिया यह आदेश?
सिंगल-बेंच जस्टिस अरुण मोंगा ने कहा कि यह झगड़ा निजी मामला है और आपसी आपराधिक केस “कोई उपयोगी उद्देश्य पूरा नहीं करेंगे, बल्कि कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग होंगे.” कोर्ट ने कहा, “क्रिमिनल कार्रवाई को न रद्द करने से शत्रुता बढ़ेगी, जबकि इसे रद्द करने से पड़ोसियों के बीच सौहार्द और मित्रता बढ़ेगी.” कोर्ट ने यह शर्त इसलिए रखी कि शिकायतकर्ताओं में से एक पिज्जा बनाती और बेचती हैं.
आदेश के अनुसार, जीटीबी अस्पताल के पास स्थित संस्कार आश्रम में हर बच्चे, स्टाफ और देखभाल करने वालों को एक-एक वेजिटेबल पिज्जा और अमूल छाछ का टेट्रा पैक दिया जाएगा.
आदेश की खास शर्तें
- दोनों पक्ष संयुक्त रूप से खर्च उठाएंगे.
- प्रत्येक आश्रम निवासी, परिचारक और स्टाफ को एक पिज्जा और अमूल छाछ परोसी जाएगी.
- पिज्जा शिकायतकर्ता द्वारा बनाई जाएगी.
- यह सेवा सामुदायिक सेवा के रूप में मानी जाएगी और FIR खारिज करने की शर्त मानी जाएगी.
दोनों पक्ष अदालत में पेश हुए और स्वेच्छा से कहा कि उन्होंने मामला सुलझा लिया है और अब आपराधिक केस आगे नहीं बढ़ाना चाहते. उनके वकीलों ने बताया कि FIR और क्रॉस-FIR एक बड़ी गलतफहमी की वजह से दर्ज हुई थी.













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