दिल्ली: चुनावी प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी के महत्व पर जोर देते हुए, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) ने गुरुवार को कहा कि,' यह स्वस्थ लोकतंत्र की कुंजी है और "स्वतंत्र, निष्पक्ष, लोकप्रिय और विश्वसनीय चुनाव एक आधारशिला और लोकतंत्र का जीवन रक्त है.' उन्होंने कहा "भारतीय लोकतंत्र का समय-समय पर परीक्षण किया गया है. पिछले कुछ महीनों में लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर निकले हैं, विशेषकर युवा और उन मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं, जो बहुत महत्वपूर्ण है."
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र सुनने, विचार-विमर्श करने, चर्चा करने, बहस करने और यहां तक कि असंतोष पर पनपता है. चुनावी प्रक्रिया में लोगों की उत्साही भागीदारी स्वस्थ लोकतंत्र की कुंजी है ”, ये बात पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राजधानी में सुकुमार सेन (Sukumar Sen) के पहले मेमोरियल लेक्चर में कहा. इस लेक्चर सीरिज की शुरुआत मुख्य चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन की याद में चुनाव आयोग द्वारा की गई थी.
देखें ट्वीट:
Former President Pranab Mukherjee, in Delhi: Their assertion and belief in the Constitution of India are particularly heartening to see. Consensus is the lifeblood of democracy. Democracy thrives on listening deliberating, discussing, arguing, even dissenting. https://t.co/oypqMFKZUp
— ANI (@ANI) January 23, 2020
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इस अवसर पर बोलते हुए, श्री मुखर्जी ने कहा कि,'स्वर्गीय सुकुमार सेन ने देश में एक ऑब्स्ट्रीशियन की भूमिका निभाई और भारतीय लोकतंत्र की लगभग तीन हजार निर्वाचित प्रतिनिधि की पहली फसल को जन्म दिया.