Delhi Weekend Curfew Guidelines: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) के कारण कोविड-19 (COVID-19) मामलों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है, जिसके मद्देनजर यहां आज रात 10 बजे से सप्ताहांत कर्फ्यू यानी वीकेंड कर्फ्यू लागू हो जाएगा. पूरी दिल्ली में यह वीकेंड कर्फ्यू सोमवार सुबह 5 बजे तक जारी रहेगा. कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण को रोकने के मकसद से इस दौरान दिल्ली में कई तरह की पाबंदियां लागू रहेंगी. दिल्ली में जनवरी के पहले छह दिन में कोविड से 20 लोगों की मौत
वीकेंड कर्फ्यू में आवश्यक सेवाओं के अलावा दिल्ली सरकार के कर्मचारी घर से काम करेंगे, जबकि निजी कार्यालय 50 प्रतिशत क्षमता के साथ कार्य करेंगे. हालांकि दिल्ली मेट्रो और बसें पूरी क्षमता के साथ चलेंगी, लेकिन फ्रीक्वेंसी कम होंगी. दिल्ली सरकार ने लोगों से अनुरोध किया जाता है कि बेहद जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें.
वीकेंड कर्फ्यू के दौरान क्या खुलेगा और क्या रहेगा बंद?
- दिल्ली के बाजार और मॉल बंद रहेंगे.
- केवल आवश्यक वस्तुओं की बिक्री करने वाली दुकानों को खोलने की अनुमति होगी
- कर्फ्यू का टेस्टिंग लैब, ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ताओं और अन्य चिकित्सा सेवाओं के कामकाज पर कोई असर नहीं होगा
आपात स्थिति को छोड़कर कर्फ्यू अवधि के दौरान आवाजाही पर प्रतिबंध होगा. हालांकि, निम्नलिखित मामलों में छूट दी जाएगी:
- आपातकालीन सेवाओं में शामिल अधिकारी और भारत सरकार के अधिकारी वैध पहचान पत्र के साथ
- डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स, गर्भवती महिलाएं, मरीज और उनके परिचारक
- वैक्सीनेशन और कोरोना टेस्ट करवाने जा रहे लोग.
- रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों और बस टर्मिनलों से आने-जाने वाले व्यक्ति. हालांकि सभी को टिकट आदि का प्रमाण दिखाना होगा.
- पत्रकार, परीक्षा में बैठने वाले छात्र और परीक्षा ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी
- शादियों में शामिल होने जा रहे लोग. निमंत्रण पत्र दिखाना जरुरी होगा. एक विवाह समारोह में केवल 20 लोगों की अनुमति है.
गौरतलब हो कि राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण की दर के पांच प्रतिशत के पार चले जाने के बाद दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने 28 दिसंबर को ‘येलो अलर्ट’ की घोषणा की थी, जिसके तहत सिनेमाघर और जिम बंद कर दिए गए थे. गैर-आवश्यक सामान की दुकानों को सम-विषम आधार पर खोलने और मेट्रो तथा बसों में यात्रियों के बैठने की क्षमता 50 प्रतिशत करने का निर्देश भी दिया था. हालांकि भीड़ बढ़ता देख मेट्रो ट्रेन और बसों को 100% बैठने की क्षमता के साथ चलाने की अनुमति दे दी गई.