नई दिल्ली: सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के आधिकारिक बंगले के रिनोवेशन की अब CAG ऑडिट होगी. सीएम अरविंद केजरीवाल के बंगले की मरम्मत पर हुए खर्च का सीएजी ऑडिट होगा. इस ऑडिट में सरकारी बंगले के रिनोवेशन में हुई अनियमितताओं और उल्लंघनों की विशेष जांच होगी. एलजी के सिफारिश के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से सीएजी ऑडिट कराने का फैसला हुआ है. दिल्ली में महंगाई का झटका, 200 यूनिट से अधिक खपत पर बिजली महंगी.
उप राज्यपाल सचिवालय ने 24 मई 2023 को मुख्यमंत्री के घर की मरम्मत में हुए खर्च को लेकर गंभीर वित्तीय अनियमितता और नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए गृह मंत्रालय को पत्र लिखा था. इसके पहले बीजेपी ने दावा किया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सिविल लाइन्स स्थित सरकारी आवास में मरम्मत के नाम पर 45 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. बीजेपी ने इस मुद्दे को लेकर अरविंद केजरीवाल से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की भी मांग की थी.
बीजेपी के आरोपों के बाद आम आदमी पार्टी ने बंगले के मरम्मत पर हुए खर्चे को लेकर सफाई दी थी. पार्टी के वरिष्ठ नेता राघव चड्ढा ने कहा है कि मुख्यमंत्री आवास 75-80 साल पहले 1942 में बनाया गया था. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (PWD) ने ऑडिट के बाद इसके जीर्णोद्धार की सिफारिश की थी.
पीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘यह नवीनीकरण नहीं था और पुराने ढांचे के स्थान पर एक नया ढांचा बनाया गया है. वहां उनका शिविर कार्यालय भी है. खर्च लगभग 44 करोड़ रुपये है, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि पुराने ढांचे को नए के साथ बदला गया है.’’