नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने दिल्ली सरकार (Delhi Government) की आलोचना करते हुए कहा है कि मासूम बच्चों की मौत भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की अंतरात्मा को नहीं झकझोर पाएगी. गौरतलब है कि इन तीन बच्चों की मौत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में संचालित मोहल्ला क्लिनिक (Mohalla Clinic) में दी गई खांसी की दवा पीने के बाद हुई है. इस दवा का नाम डेक्सट्रोमेथोरफान (Dextromethorphan) है और इसका सेवन करने के बाद 16 बच्चों में दुष्प्रभाव देखे गए थे जिनमें से तीन की मौत हो गई और 13 का राजधानी के कलावती सरन अस्पताल (Kalavati Saran Hospital) में उपचार जारी है. Gautam Gambhir Slams Pakistan: गौतम गंभीर ने पाकिस्तान को दिया करारा जवान, कहा-क्रिकेट बहुत छोटी चीज, हमारे सैनिकों की जिंदगी अधिक महत्वपूर्ण है
उन्होंने कहा "पिछले कई वर्षों से केजरीवाल अपने दिल्ली के स्वास्थ्य मॉडल का खूब बखान कर रहे हैं लेकिन उनके कार्यकाल में कोई नया अस्पताल नहीं बनाया गया है और इस मॉडल के नाम पर सिर्फ मोहल्ला क्लिनिक खोले गए हैं.
गौतम गंभीर ने कहा कि आज इन मोहल्ला क्लिनिक की असलियत सबके सामने आ चुकी है और इनमें से अधिकतर में अनट्रेंड डॉक्टर हैं और कुछ में तो हैं ही नहीं. ऐसे ही चिकित्सकों ने इस तरह की गलत दवा को दिया जिसे पीने के बाद बच्चों में गंभीर साइड इफैक्ट़्स देखे गए थे.
उन्होंने कहा कि केजरीवाल को अब जवाब देना चाहिए कि क्यों न उन्हें इन बच्चों की मौत का जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए क्योंकि एक वही हैं जो लोगों को बार बार कर रहे थे कि उन्हें मोहल्ला क्लिनिक जाकर निशुल्क दवाओं का फायदा उठाना चाहिए. क्या दिल्ली के लोगों का जीवन उनके लिए कोई मायने रखता है.
गौतम गंभीर ने कहा "जहां तक मैं उन्हें जानता हूं मुझे पूरा विश्वास है कि उन तीन मासूम बच्चों की मौत भी उनकी अंतरात्मा को नहीं झकझोर सकेगी."
भाजपा की सूचना और प्रौद्योगिकी शाखा के प्रभारी अमित मालवीय ने इस घटना को लेकर केजरीवाल की आलोचना करते हुए कहा, "डेक्सट्रोमेथोरफान के 16 मामले दिल्ली के कलावती सरन अस्पताल में रिपोर्ट किए गए हैं और तीन बच्चों की मौत हुई है, उनके बहुप्रचारित मोहल्ला किलनिकों के अनट्रेंड चिकित्सकों ने वह दवाई लिखी थी जिसे चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों को दिया ही नहीं जाना चाहिए था. केजरीवाल के हाथों में खून लगा है."