नई दिल्ली, 28 मार्च: दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी एवं विजेन्द्र गुप्ता और दिल्ली भाजपा के महामंत्री हर्ष मल्होत्रा ने आज एक संयुक्त पत्रकार वार्ता में कहा कि कई वर्षों तक राहत के बाद दिल्ली के व्यापारियों पर सीलिंग की गाज 2018 में उस वक्त दुबारा गिरी जब दिल्ली सरकार ने 351 सड़कों को नोटिफाई करने में विलम्ब किया. आज फिर आम आदमी पार्टी के नेता दिल्ली के व्यापारियों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं. यह भी पढ़ें: Delhi: मोदी सरकार ने कभी लोकलुभावन वादे नहीं किए, राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित की- अमित शाह
मनोज तिवारी ने कहा कि 2015 में अरविंद केजरीवाल सरकार दिल्ली में सत्ता में आई तब माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं मानिटरिंग कमेटी दोनों शांत थे और यदि केजरीवाल सरकार समय पर नगर निगम द्वारा भेजी गई 351 सड़कों को नोटिफाई कर देती तो न्यायालय संतुष्ट हो जाता. केजरीवाल सरकार ने केवल भाजपा शासित नगर निगम को बदनाम करने के लिये 3 साल तक सड़के नोटिफाई नहीं की. इस द्वेष पूर्ण लापरवाही के परिणाम स्वरूप न्यायालय ने दिल्ली सरकार को फटकार भी लगाई थी और दिल्ली में मोनिटरिंग कमेटी ने सीलिंग पुन: शुरू कर दी थी जिस कारण दिल्ली के व्यपारी आज पांच साल बाद भी परेशानी झेल रहे हैं.
मनोज तिवारी ने कहा कि यह खेद पूर्ण है कि अब केजरीवाल सरकार एवं उनके दिल्ली नगर निगम नेता लोकल शॉपिंग सेंटर के दुकानदारों के सीलिंग से त्रस्त दुकानदारों को गुमराह कर रहे हैं. लोकल शॉपिंग सेंटर्स में हुई सीलिंग का मुद्दा पूरी तरह मास्टर प्लान से जुड़ा है, उसमें ना कल दिल्ली नगर निगम की कोई भूमिका थी ना आज है ऐसे में नगर निगम का इनकी डी-सीलिंग को लेकर कोई प्रस्ताव पास करना केवल एक छलावा है. भाजपा नेताओं ने मांग की कि आम आदमी पार्टी 2023-24 बजट में समय पर सम्पति कर जमा कराने की 15 प्रतिशत छूट को पुन: जारी करे और कमर्शियल सम्पति कर में की गई 5 प्रतिशत की वृद्धि को वापस लें.