दिल्ली विधानसभा अपनी शक्तियों को वापस पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रूख करेगी
सुप्रीम कोर्ट (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली, 7 अगस्त : दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2021 द्वारा शक्तियों को कम करने के केंद्र के फैसले के खिलाफ दिल्ली विधानसभा, उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाएगी. एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, गोयल ने कहा कि मार्च में संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित और 27 जुलाई को अधिसूचित विधेयक ने 'कई विधानसभा समितियों को निष्प्रभावी बना दिया है, विशेष रूप से वे जो पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों से संबंधित मुद्दों से निपट रही हैं." उन्होंने दावा किया कि जीएनसीटीडी अधिनियम, 1991 में संशोधन करके, केंद्र ने दिल्ली विधानसभा की समितियों को दिन-प्रतिदिन के प्रशासन से संबंधित मामलों के लिए नियम बनाने से रोक दिया है.

उन्होंने कहा, "विधानसभा ने फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है. हम पूरे अधिनियम को चुनौती नहीं देंगे, लेकिन इसके कुछ प्रावधान जो विधानसभा की समितियों की शक्तियों को कम करते हैं, उसको चुनौती देंगे. इस पूरे अधिनियम को चुनौती दी जाएगी या नहीं, इस पर सरकार निर्णय करेंगी. मैं उस पहलू पर टिप्पणी नहीं कर सकता." गोयल ने कहा, "हमें विश्वास है कि अदालत विधानसभा की शक्तियों को बहाल करेगी जो पूरी तरह से अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक कानून के माध्यम से छीन ली गई है. हमने इस मामले पर कानूनी परामर्श लिया है." यह भी पढ़ें : Mumbai Hoax Call: मुंबई के CSMT, दादर, भायखला स्टेशनों और अमिताभ बच्चन के बंगले में बम की सूचना से मचा हड़कंप, सुरक्षा बढ़ाई गई

विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान, गोयल ने केंद्र पर उसकी शक्तियां छीनने का आरोप लगाया था और यहां तक कि इस मुद्दे पर चुप्पी बनाए रखने के लिए भाजपा विधायकों को भी फटकार लगाई थी. गोयल ने सत्र के पहले दिन के दौरान कहा, "यह मेरे लिए दर्दनाक था. मैं सो नहीं सका क्योंकि दिल्ली विधानसभा के अधिकार केंद्र द्वारा छीन लिए गए थे. मैं उम्मीद कर रहा था कि भाजपा विधायक मेरे पास आएंगे और कुछ कहेंगे. वे दिल्ली विधानसभा के सदस्य हैं और उन्होंने जीएनसीटीडी बिल के खिलाफ कार्रवाई की होगी. लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया. इससे मुझे पीड़ा हुई."