
Sheesh Mahal Row: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें अब बढ़ सकती हैं, क्योंकि केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने उनके आधिकारिक मुख्यमंत्री आवास के जीर्णोद्धार मामले में जांच के आदेश दिए हैं. यह जांच केंद्रीय सार्वजनिक कार्य विभाग (CPWD) ने 6 फ्लैगस्टाफ बंगले के पुनर्निर्माण में वित्तीय अनियमितताओं की रिपोर्ट प्रस्तुत की करने के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं.
जानें शीश महल का क्या है पूरा विवाद?
शीश महल, जिसे 6 फ्लैगस्टाफ बंगले के नाम से भी जाना जाता है, अरविंद केजरीवाल का आधिकारिक निवास था. रिपोर्ट के मुताबिक, इस बंगले का जीर्णोद्धार बेहद खर्चीला साबित हुआ, जिसमें कई वित्तीय गड़बड़ियां और नियमों का उल्लंघन किए जाने के आरोप लगाए गए हैं. इसके बाद सीवीसी ने इस मामले की जांच शुरू करने का निर्णय लिया. यह भी पढ़े: ‘Sheesh Mahal’ Row: पीएम मोदी और मनमोहन सिंह ने 20 साल में दिवाली पर नहीं किया सरकारी पैसे का इस्तेमाल; ‘शीश महल’ विवाद के बीच बड़ा खुलासा
सरकारी खजाने के पैसों को खर्च करने का आरोप
इसके अलावा, बताया जा रहा है कि शीश महल के निर्माण में अव्यावसायिक तरीके से काम हुआ, जिससे सरकारी खजाने पर अनावश्यक बोझ पड़ा। इस मुद्दे को लेकर अब सीवीसी पूरी जांच करेगा और यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो इसके बाद कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है.
बीजेपी नेता ने जांच ने लिए LG को लिखा था पत्र
वहीं इससे पहले नई दिल्ली के रोहिणी विधानसभा से नवनिर्वाचित भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखा था. जिस पत्र के माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित सरकारी आवास पर अवैध निर्माण और नियमों के घोर उल्लंघन के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की थी.
विजेंद्र गुप्ता ने राज्यपाल वीके सक्सेना से आग्रह किया कि संपत्ति को उसकी मूल स्थिति में बहाल किया जाए और आस-पास की सरकारी संपत्तियों पर अतिक्रमण को बिना देरी के हटाया जाए.
विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि इस आलीशान हवेली को बनाने के लिए दिल्ली के खजाने से करोड़ों रुपये खर्च किए गए. जिसके बाद इस मामले को अब केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने जांच के आदेश दिया हैं.