नई दिल्ली, 18 अक्टूबर : देश की राजधानी दिल्ली में मौसम का मिजाज बदल रहा है, धीरे-धीरे ठंड दस्तक दे रही है. लेकिन, इसी ठंड के साथ-साथ दिल्ली की वायु गुणवत्ता भी तेजी से खराब हो रही है. दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है, जो कि स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है. इससे लोगों को सांस लेने में भी कठिनाई हो रही है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शुक्रवार सुबह 9 बजे तक दिल्ली में औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक 293 अंक पर बना हुआ था. जबकि दिल्ली एनसीआर के अन्य क्षेत्रों में भी स्थिति चिंताजनक है. फरीदाबाद में एक्यूआई 194, गुरुग्राम में 196, गाजियाबाद में 247, ग्रेटर नोएडा में 296, और नोएडा में 242 अंक दर्ज किया गया है. यह भी पढ़ें : जम्मू-कश्मीर: उमर के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शामिल नए मंत्रियों को विभाग आवंटित किए गए
दिल्ली के विभिन्न इलाकों में एक्यूआई 300 से ऊपर और 400 के बीच बना हुआ है. वजीरपुर में 379, विवेक विहार में 327, शादीपुर में 337, रोहिणी में 362, पंजाबी बाग में 312, पटपड़गंज में 344, नरेला में 312, मंडल कांड में 375, जहांगीरपुरी में 354, द्वारका सेक्टर 8 में 324, बवाना में 339, आनंद विहार में 342, और अलीपुर में 307 दर्ज किए गए.
बढ़ते प्रदूषण की स्थिति पर चिंता जताते लोगों ने कहा कि प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है. बीते कई दिनों से हर साल सरकार प्रदूषण की रोकथाम के लिए बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. सांस लेने में तकलीफ हो रही है, आंखों में जलन हो रही है और गला भी खराब हो रहा है. हम मास्क लगाकर घूम रहे हैं. प्रदूषण की वजह से सांस लेना दुश्वार हो गया है.
बता दें कि बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने ग्रैप-1 लागू कर दिया गया है. दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने अधिकारियों के साथ बैठक की थी. इस बैठक के बाद बताया गया था कि धूल प्रदूषण रोकने के लिए 99 टीमें निर्माण स्थलों का निरीक्षण करेंगी. जिसमें पीडब्ल्यूडी से 200, एमसीडी से 30, एनसीआरटीसी 14 और डीएमआरसी से 80 एंटी स्मॉग गन की तैनाती की जाएगी.इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने दिल्ली के लोगों से अपील की है कि वह पटाखे न जलाएं, कहीं पर भी प्रदूषण होता पाएं तो ग्रीन दिल्ली एप पर सूचना दें.