Cyclone Asna: गुजरात में बारिश और बाढ़ का कारण बना डीप डिप्रेशन, पाकिस्तान की ओर बढ़ा चक्रवात असना

कच्छ तट और पाकिस्तान तथा पूर्वोत्तर अरब सागर के आसपास बना गहरा दबाव शुकवार दिन के दौरान पश्चिम की ओर बढ़ा. जो चक्रवाती तूफान 'असना' में बदल गया. मौसम विभाग ने बताया, "कच्छ तट पर दिन में बना चक्रवाती तूफान ‘असना’ इलाके पर कोई बड़ा प्रभाव डाले बिना अरब सागर में ओमान की ओर बढ़ गया है."

Severe Flooding in Gujarat | PTI

अहमदाबाद गुजरात में भारी बारिश और बाढ़ का कहर जारी है, हालांकि बारिश अब कम हो गई है, लेकिन कई गांव और कस्बे अब भी जलमग्न हैं. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने शुक्रवार को चेतावनी दी है कि एक डीप डिप्रेशन जो राज्य में भारी बारिश और बाढ़ का कारण बना, वह अब ‘चक्रवात असना’ में तब्दील हो गया है. कच्छ तट और पाकिस्तान तथा पूर्वोत्तर अरब सागर के आसपास बना गहरा दबाव शुकवार दिन के दौरान पश्चिम की ओर बढ़ा. जो चक्रवाती तूफान 'असना' में बदल गया. मौसम विभाग ने बताया, "कच्छ तट पर दिन में बना चक्रवाती तूफान ‘असना’ इलाके पर कोई बड़ा प्रभाव डाले बिना अरब सागर में ओमान की ओर बढ़ गया है."

कच्छ के जिलाधिकारी अमित अरोड़ा ने बताया कि एहतियात के तौर पर स्थानीय प्रशासन ने करीब 3,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है तथा झोपड़ियों और कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों को अन्य इमारतों में आश्रय लेने को कहा गया है.

अरोड़ा ने बताया, ‘‘चूंकि चक्रवात पहले ही समुद्र की ओर बढ़ चुका है और ओमान की ओर जा रहा है, इसलिए तट पर इसका मामूली प्रभाव पड़ा है. कुछ बारिश और तेज गति से चल रही हवाओं को छोड़कर, यहां इसका कोई असर नहीं हुआ.

IMD लेटेस्ट अपडेट

IMD ने अपने लेटेस्ट अपडेट में बताया, "चक्रवाती तूफान असना 30 अगस्त, 2024 को शाम साढ़े 5 बजे भारतीय समयानुसार नलिया (गुजरात) से 170 किलोमीटर पश्चिम, कराची (पाकिस्तान) से 160 किलोमीटर दक्षिण और पसनी (पाकिस्तान) से 430 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व में केंद्रित है. अगले 24 घंटों के दौरान इसके भारतीय तट से दूर जाने की संभावना है.

लाइव ट्रैकर में देखें चक्रवात असना

पहली बार अगस्त में चक्रवात

चक्रवात असना, जो अरब सागर में 1976 के बाद अगस्त महीने में आने वाला पहला चक्रवात है. इसका नाम पाकिस्तान द्वारा दिया गया है. मौसम विभाग के अनुसार, यह चक्रवात उत्तर-उत्तर पश्चिम की दिशा में आगे बढ़ रहा है और अगले दो दिनों में यह भारतीय तट से दूर होते हुए उत्तर-पूर्वी अरब सागर की ओर बढ़ेगा.

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