Death Sentence: जमशेदपुर की जिला अदालत ने पत्नी, दो बच्चियों और लेडी टीचर के हत्यारे को दोषी करार देते हुए सुनाई फांसी की सजा
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जमशेदपुर, 6 अप्रैल: जमशेदपुर की जिला अदालत ने पत्नी, दो बच्चियों और ट्यूशन टीचर की हत्या के आरोपी शहर के कदमा निवासी दीपक कुमार को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है. यह वारदात 12 अप्रैल 2021 को कदमा थाना अंतर्गत तीस्ता रोड स्थित क्वार्टर नंबर 97-99 में हुई थी. घटना के दिन दीपक ने अपनी पत्नी पत्नी वीणा देवी के सिर पर हथौड़ी से कई जोरदार प्रहार किए. वह बेहोश हो गई. इसके बाद तकिया से मुंह दबाकर उसकी हत्या कर दी. यह भी पढ़ें: Jharkhand: रांची में महिला एवं उसके दो बच्चों के जले शव मिले, पति गिरफ्तार

15 वर्षीय बेटी श्रावणी कुमारी उर्फ दीया और सात वर्षीय छोटी बेटी शानवीकी भी पत्नी की तरह हत्या कर दी थी. छोटी बेटी को ट्यूशन पढ़ाने के लिए 11 बजे जब शिक्षिका रिंकी घोष घर पर आ गई थी तो दीपक ने चाकू का भय दिखा कर शिक्षिका से कहा कि शाम छह बजे तक उसकी स्कूटी उसे चाहिए तब तक कमरे में रहने की धमकी दी. चाकू देखते ही शिक्षिका शोर मचाने लगी थी. इधर-उधर भागने लगी. वह उस कमरे की ओर चली गई जहां पत्नी और बच्चों का शव पड़ा था. शिक्षिका यह देख हतप्रभ रह गई.

दीपक को लगा कि अब वह फंस जाएगा. टेप से शिक्षिका के हाथ बांध दिए. मुंह में टेप सटा दिया और फिर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद शव के साथ दुष्कर्म किया. मृतका वीणा कुमारी के भाई विनोद कुमार ने बताया कि शाम करीब 4 बजे वह अपनी बहन के घर आया तो दरवाजे पर ताला लगा हुआ था, जबकि अंदर एसी चल रहा था. ताला तोड़कर वह घर में घुसा तो बिस्तर पर अपनी बहन और दोनों भांजी की लाश पड़ी देखी. बगल के कमरे में शिक्षिका रिंकी घोष की लाश पड़ी मिली.

घटना को अंजाम देने के बाद वह अपनी बुलेट से राउरकेला गया था, जहां से कैब बुक कर वह धनबाद भाग गया. पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी धनबाद से की थी. पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि पूरे परिवार समेत शिक्षिका को तड़पा-तड़पाकर मारने वाला दीपक कुमार वेब सीरीज सीरियल किलर, पाताल लोक और असुर हमेशा देखता था.

इस मामले में स्पीडी ट्रायल के बाद एडीजे राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत ने दीपक को फांसी की सजा सुनाई है. अदालत ने उसे आईपीसी की धारा 302, 307, 379, 201 और 376(1) के तहत दोषी पाया था. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अधिवक्ता जॉली दास, कार्तिक डे, हरविलास दास, दिलीप गोराई और जयंत कुमार ने बहस की थी. मामले में कुल 25 लोगों की गवाही हुई थी. अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक राजीव कुमार ने पैरवी की.