पणजी: भारत में निर्वासित जीवन बिता रहे तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा ने बुधवार को बड़ा बयान दिया है. गोवा में एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे दलाई लामा ने कहा कि महात्मा गांधी की भारत के प्रधानमंत्री पद के लिए पहली पसंद मोहम्मद अली जिन्ना थे, लेकिन जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेसी नेताओं ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया.
गोवा इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में छात्रों से बातचीत के दौरान तिब्बती बौद्ध धर्म गुरु ने कहा कि अगर जवाहरलाल नेहरू के बजाय जिन्ना को देश का पहला प्रधानमंत्री बना दिया जाता तो आज भारत और पाकिस्तान एक होता और इन दोनों देशों का विभाजन भी नहीं होता. उन्हें इंस्टीट्यूट की पचीसवी वर्षगांठ के मौके पर बौद्ध धर्मगुरू को आमंत्रित किया गया है.
#WATCH Dalai Lama says, "Mahatma Gandhi ji was very much willing to give Prime Ministership to Jinnah but Pandit Nehru refused." pic.twitter.com/WBzqgdCJaJ— ANI (@ANI) August 8, 2018
दलाई लामा ने कहा “महात्मा गांधी तो जिन्ना को प्रधानमंत्री बनाना चाहते थे, लेकिन पंडित नेहरू ने इसे स्वीकार नहीं किया. मुझे लगता है कि स्वयं को प्रधानमंत्री के रूप में देखना पंडित नेहरू का आत्म केंद्रित रवैया था. नेहरू ने कहा था कि मैं प्रधानमंत्री बनना चाहता हूं. यदि महात्मा गांधी की सोच को स्वीकारा गया होता तो भारत और पाकिस्तान एक होते. पंडित नेहरू बहुत ज्ञानी थे, लेकिन उनसे गलती हो गई.”
उल्लेखनीय है कि दलाई लामा मार्च 1959 में तिब्बत से भागकर भारत आ गए थे. नोबेल शांति पुरस्कार विजेता दलाई लामा हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रहते हैं व भारतीय विदेश मंत्रालय गृह मंत्रालय के साथ उनकी सुरक्षा को मॉनिटर करता है. वहीं तिब्बत की निर्वासित सरकार का सुरक्षा घेरा भी उनकी सुरक्षा में तैनात होता है. चीन रच रहा है दलाई लामा की हत्या की साजिश, बढाई गई सुरक्षा