Cyclonic Storm 'Remal: चक्रवाती तूफान 'रेमल' से बचाने के लिए समुद्री बेड़े ने किया शानदार काम
cyclone

नई दिल्ली, 28 मई : चक्रवाती तूफान 'रेमल' से समुद्री बेड़े और नौकाओं को बचाने में इंडियन कोस्ट गार्ड (आईसीजी) ने केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम किया. इस समन्वय के कारण पश्चिम बंगाल तट के समीप समुद्र में जीवन और संपत्तियों के नुकसान को रोका जा सका. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक तटरक्षक क्षेत्र (उत्तर-पूर्व) के मुख्यालय ने एहतियाती उपाय किए और विभिन्न केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के साथ समन्वय सुनिश्चित किया. इस समन्वय के परिणामस्वरूप समुद्र में जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ और स्थिति को प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया गया.

चक्रवात के आगमन को देखते हुए, आईसीजी ने तूफान के रास्ते से पूरे व्यापारी बेड़े की सक्रिय निगरानी की. रणनीतिक मोड़ सुनिश्चित करने के लिए जहाजों, विमानों और तट-आधारित निगरानी प्रणालियों को तैनात किया गया. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि हल्दिया और पारादीप में आईसीजी के रिमोट ऑपरेटिंग स्टेशनों से समय पर अलर्ट प्रसारित किए गए. मछली पकड़ने वाली मछुआरों की नौकाओं और पारगमन व्यापारी जहाजों को समय रहते चेतावनी दी गई. एससीएस के लैंडफॉल के बाद आईसीजी जहाज 'वरद' चक्रवात के बाद का आकलन करने के लिए तुरंत पारादीप से रवाना हुआ. यह भी पढ़ें : Cyclonic storm ‘Midhili’: चक्रवाती तूफान ‘मिधिली’ उत्तरी त्रिपुरा के ऊपर कम दबाव के क्षेत्र में कमजोर हो गया- आईएमडी

इसके अतिरिक्त, दो आईसीजी डोर्नियर विमानों ने भुवनेश्वर से उड़ान भरी और उत्तरी बंगाल की खाड़ी में व्यापक निगरानी की. भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) ने गंभीर चक्रवाती तूफान (एससीएस) 'रेमल' से उत्पन्न स्थिति से सफलतापूर्वक निपटने के लिए केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के साथ अनुकरणीय तालमेल का प्रदर्शन किया. यह चक्रवाती तूफान 22 मई को कम दबाव वाले क्षेत्र के रूप में उत्पन्न हुआ था. इसके बाद 26-27 मई की मध्यरात्रि को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों पर पहुंचने से पहले यह तूफान तेजी से एससीएस में तब्दील हो गया था.

चक्रवाती तूफान 'रेमल' को देखते हुए भारतीय नौसेना ने भी मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) के लिए अपनी कार्रवाई की. नौसेना की तैयारी के अंतर्गत दो जहाजों को राहत और बचाव के लिए तैयार रखा गया. सी किंग और चेतक हेलीकॉप्टर्स, डोर्नियर विमानों, गोताखोर टीमों और बाढ़ राहत टीमें भी तैयार रखी गई थी.