चेन्नई: तमिलनाडु के ‘गज’ प्रभावित जिलों में राहत अभियान ने सोमवार को गति पकड़ी जबकि कुछ स्थानों पर जल्द सहायता की मांग कर रहे लोगों का छिटपुट प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा. मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों और अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक में स्थिति का जायजा लिया. शुक्रवार को भयंकर चक्रवात गज ने वेदारण्यम के समीप समुद्र तट पर दस्तक देने के बाद छह जिलों में भयंकर तबाही मचायी थी एवं इसके कारण 45 लोगों की जान चली गयी थी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पलानीस्वामी से बातचीत की एवं गज के बाद की स्थिति की जानकारी ली.
प्रभावित जिलों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार प्रभावित जिलों में विशाल क्षेत्र में लगी फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचा है तथा नारियल एवं केला समेत करीब दो लाख पेड़ उखड़ गए. किसान भयंकर संकट में फंस गए हैं. खबरों के अनुसार शहरी क्षेत्रों में जनजीवन धीमी गति से सामान्य होने लगा है और बिजली की आपूर्ति धीरे धीरे बहाल की जा रही है. कई मंत्री राहत अभियानों में तेजी लाने और उसकी निगरानी के लिए प्रभावित जिलों में तैनात किये गए हैं.
बुरी तरह प्रभावित नागपट्टिनम जिले में 1.31 लाख से अधिक लोग राहत शिविरों में ठहराये गये हैं. राहत एवं बहाली कार्य तेज करने के प्रयास के तहत सोमवार को पी थंगमणि और एस पी वेलुमणि समेत पांच मंत्री इन शिविरों में पहुंचे थे. तंजावूर और तिरुवूर जिलों के कई हिस्सों में लोगों ने बिजली और पेयजल की जल्द आपूर्ति की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.
कथित धीमी राहत प्रक्रिया पर आलोचना से घिरी राज्य सरकार ने सोमवार को कहा कि लोगों को यह नहीं सोचना चाहिए कि बस प्रदर्शन से उनकी समस्याएं हल हो जाएंगी, वह लोगों तक पहुंचने में जुटी हुई है. राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, ‘‘ (मैंने) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से बात की और चक्रवात गज के बाद की स्थिति के बारे में जानकारी ली, पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जतायी. राज्य में जो लोग संकट में हैं, भारत सरकार और लोग उनके साथ खड़े हैं.’’
एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय बैठक में सरकार द्वारा आगे उठाये जाने वाले कदमों पर चर्चा के अलावा मौजूदा राहत गतिविधियों का जायजा लिया. चक्रवात गज ने तमिलनाडु के कुड्डालोर, नागपट्टिनम, रामनाथपुरम, तंजावूर, पुडुकोट्टई और तिरुवरुर जिलों में तथा पुडुचेरी के कराईकेल में भयंकर तबाही मचायी है. इस बीच, विपक्षी दल द्रमुक ने अपने सांसदों और विधायकों का एक महीने का वेतन चक्रवात ‘गज’ राहत गतिविधियों में देने की सोमवार को घोषणा की. पार्टी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने कहा कि द्रमुक ट्रस्ट राहत गतिविधियों के लिये एक करोड़ रुपये की राशि अलग से दान देगा.
विधानसभा में विपक्ष के नेता स्टालिन ने कहा कि द्रमुक के सांसद और विधायक अपना-अपना एक महीने का वेतन दान देंगे. पार्टी की ओर से दिए जाने वाले दान का उद्देश्य ‘‘राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण के प्रयासों में सहायता देना है.’’