नई दिल्ली: अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय भारत के पश्चिमी तट की ओर बढ़ रहा है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने सौराष्ट्र और कच्छ तटों के लिए चेतावनी दी है. IMD ने चक्रवात के बढ़ते खतरे को देखते हुए सौराष्ट्र-कच्छ के तटों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. वहीं, खतरे को देखते हुए मंगलवार शाम तक, गुजरात के आठ तटीय जिलों से 37,700 से अधिक लोगों को सुरक्षित दूसरी जगह पहुंचाया गया है. Biparjoy Cyclone: बिपरजॉय तूफ़ान का असर, पश्चिम रेलवे की 69 ट्रेनें रद्द, 32 को शॉर्ट-टर्मिनेट किया गया.
शक्तिशाली चक्रवात ‘बिपारजॉय’ के गुजरात के कच्छ जिले की ओर बढ़ने के मद्देनजर सरकार ने अभी तक राज्य के आठ जिलों में समुद्र के पास रहने वाले करीब 37,800 लोगों को निकाला है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, शक्तिशाली चक्रवात 15 जून की शाम को जखाऊ बंदरगाह पहुंच सकता है.
फिर गति पकड़ सकता है बिपरजॉय
चक्रवात 'बिपरजॉय' के कारण गुजरात के द्वारिका के पास समुद्र में ऊंची लहरें देखने को मिली हैं. मौसम विभाग के अनुसार, गुजरात के कई जिलों में बाढ़ आने की संभावना है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बेहद खतरनाक चक्रवात बिपरजॉय अपनी गति को फिर पकड़ सकता है. इसके कारण गुजरात में तबाही आ सकती है.
आईएमडी की ओर से साझा की गई जानकारी के अनुसार, ‘‘वीएससीएस (बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान) ‘बिपारजॉय’ अरब सागर के ऊपर उत्तर-पश्चिम की तरफ बढ़ते हुए 14 जून को तड़के भारतीय समायुनसार ढाई बजे जखाऊ बंदरगाह से लगभग 280 किलोमीटर डब्ल्यूएसडब्ल्यू पर केंद्रित रहा. वीएससीएस के रूप में ही 15 जून की शाम तक यह जखाऊ बंदरगाह (गुजरात) के पास से गुजरेगा.’’
इन जिलों में सबसे अधिक खतरा
आईएमडी के मुताबिक, चक्रवात ‘बिपारजॉय’ से व्यापक क्षति होने की आशंका है और गुजरात के कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिले इससे सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं. आईएमडी के अनुसार, चक्रवात के 15 जून की शाम को 125-135 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार के साथ जखाऊ बंदरगाह के पास कच्छ में मांडवी और पाकिस्तान के कराची के बीच टकराने की संभावना है.
तटीय हिस्सों में भारी बारिश का अनुमान
सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र के तटीय हिस्सों, खासकर कच्छ, पोरबंदर और देवभूमि द्वारका जिलों में तेज हवाओं के साथ बेहद भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, चक्रवात के दस्तक देने और कमजोर होने के बाद, इसके उत्तर-पूर्व और दक्षिण राजस्थान की ओर बढ़ने की आशंका है. इस वजह से 15-17 जून तक उत्तर गुजरात में भारी से बहुत भारी बारिश होगी.
समुद्र के अशांत होने और आने वाले चक्रवात के कारण क्षेत्र में अत्यधिक भारी वर्षा के मद्देनजर मछली पकड़ने संबंधी गतिविधियों को 16 जून तक निलंबित कर दिया गया है और बंदरगाह बंद कर दिए गए हैं.
देवभूमि द्वारका, राजकोट, जामनगर, जूनागढ़, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, मोरबी और वलसाड जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 17 और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के 12 दल पूरी तरह से तैयार हैं.