नई दिल्ली: बंगाल की खाड़ी में उठे सुपर चक्रवात ‘अम्फान’ (Amphan) से निपटने के लिए सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है. तूफान आज (20 मई) दोपहर या शाम तक पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटों के बीच दीघा और हटिया द्वीप के बीच से गुजरेगा. इस दौरान हवा की रफ्तार 155 से 165 किलोमीटर प्रति घंटा बनी रहेगी जो बीच-बीच में 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है. जिस वजह से पश्चिम बंगाल (West Bengal) और ओडिशा (Odisha) में बड़ी तबाही मच सकती है. हालांकि जानमाल की हानि को कम करने के लिए सरकार ने लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है. केंद्र और राज्य सरकार लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है.
मौसम विभाग की ताजा अपडेट के मुताबिक महाचक्रवात ‘अम्फान’ मंगलवार को कुछ कमजोर पड़कर ‘अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान’ में बदल गया है. लेकिन इसके बावजूद भी तूफान अभी भी बहुत शक्तिशाली है. हर आपात स्थिति से निपटने के लिए पश्चिम बंगाल और ओडिशा में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की कुल 41 टीमों को तैनात किया गया है. Monsoon 2020: सुपर चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ से मानसून में देरी की उम्मीद, 5 जून तक केरल में होगा आगमन
पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय इलाकों में बारिश शुरु हो चुकी है. पश्चिम बंगाल में गंगा से लगे तटीय जिलों पूर्व मेदिनीपुर, दक्षिण एवं उत्तरी 24 परगना में बारिश की तीव्रता धीरे-धीरे बढ़ने की उम्मीद है. बुधवार को पश्चिम बंगाल के अधिकांश हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश और पश्चिम बंगाल के गंगा क्षेत्रों पूर्व एवं पश्चिमी मेदिनीपुर, दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली, कोलकाता और इससे सटे जिलों में अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है. मालदा एवं दिनाजपुर जिलों की कुछ जगहों पर भी भीषण बारिश हो सकती है.
20 मई को उत्तरी तटीय ओडिशा (जगतसिंह पुर, भद्रक एवं क्योंझरगढ़ जिले) में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. ओडिशा जोखिम वाले क्षेत्रों में रह रहे लगभग 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने को तैयारी की गई है.
आज सुबह से ही उत्तरी ओडिशा (जगतसिंह पुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालासोर एवं मयूरभंज जिलों) के तटीय इलाकों में और पश्चिम बंगाल (पूर्व एवं पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली, कोलकाता जिलों) के तटीय इलाकों में 75 से 85 किलोमीटर प्रति घंटे की आंधी के साथ 95 किलोमीटर प्रति घंटे के तेज झोंके की रफ्तार पकड़ लेगी. इसके बाद हवा की गति धीरे-धीरे और तेज होगी और उत्तरी ओडिशा के ऊपर वर्णित जिलों में 100-110 से लेकर 125 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलेगी.
तूफानी हवा भूस्खलन के दौरान दोपहर से रात तक पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर और उत्तर एवं दक्षिण 24 परगना जिलों में 155-165 से लेकर 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ लेगी और कोलकाता, हुगली, हावड़ा एवं पश्चिम मेदिनीपुर जिले में यह 110-120 से लेकर 130 किलोमीटर प्रति घंटे के वेग से चलेगी. ओडिशा के पुरी, खोरधा, कटक, जाजपुर जिलों में तूफानी हवा के 55-65 से लेकर 75 किलोमीटर प्रति घंटा के झोंके से चलने की संभावना है. हालांकि अगर चक्रवात समय के साथ कमजोर पड़ा तो हवा की रफ्तार कम हो जाएगी.
पश्चिम बंगाल में अनुमानित नुकसान-
- सभी तरह के कच्चे घरों को भारी नुकसान, पुराने पक्का मकानों को कुछ नुकसान, बहती चीजों से भी खतरे की आशंका
- संचार एवं बिजली के खंभों का बड़ी संख्या में उखड़ना
- कई जगहों पर रेल /सड़क मार्ग का बाधित होना
- खेतों में लगी फसलों, बाग- बगीचे का भारी नुकसान
- पाम एवं नारियल के पेड़ों का हवा के झोंकों से उखड़ना
- आम के पेड़ जैसे बड़े झाड़ीदार पेड़ों का उखड़ना
- लंगर से बंधे बड़े नावों और जहाजों का टूटना.
ओडिशा में अनुमानित नुकसान-
- झोपड़पट्टियों का पूरी तरह सफाया, कच्चे मकानों को भारी नुकसान, बहने वाली चीजों से भी खतरा
- बिजली एवं संचार खंभों का मुड़ जाना/ उखाड़ना
- कच्ची एवं पार्टी सड़कों को भारी नुकसान, रेलवे, ऊपर से गुजरते बिजली के तार, सिग्नल व्यवस्था को मामूली नुकसान
- खेतों में लगी फसलों, बाग-बगीचों को भारी नुकसान
- हरे नारियल का गिरना और पाम पत्रों का टूटना
- आम जैसे झाड़ीदार पेड़ों का गिरना
- लंगर से बंधे छोटे नाव टूट कर बिखर सकते हैं.
प्रशासन ने प्रभावित होने वाले इलाकों में रह रहे लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने की अपील की है. साथ ही मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की चेतावनी दी है. उल्लेखनीय है कि वर्ष 1999 में ओडिशा में आये महाचक्रवात के बाद अम्फान बंगाल की खाड़ी में यह ऐसा दूसरा ताकतवर चक्रवात है.