मैरिटल रेप (Marital Rape) अपराध है या नहीं इसपर देशभर में अलग-अलग मत हैं. इस मामले में आज दिल्ली हाईकोर्ट में अहम सुनवाई हुई. हाईकोर्ट के जज इस मामले पर एकमत नहीं थे. इसकी वजह से अब इस मामले को तीन जजों की बेंच को सौंप दिया गया है. इसके साथ ही मैरिटल रेप का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में भी जाएगा.
आज हुई सुनवाई में दिल्ली हाई कोर्ट के जज इस मामले पर एकमत नहीं थे कि मैरिटल रेप (Marital Rape) अपराध है या नहीं. आज इस मामले पर सुनवाई कर रहे दो जजों में मतभिन्नता थी, इसीलिए अब इस मामले को बड़ी बेंच को सौंपा गया है.
Two judges Bench of Delhi HC pronounce split verdict on criminalising marital rape. Justice Rajiv Shakdher rules in favour of criminalising while Justice Hari Shankar disagrees -holds that Exception 2 to Sec 375 doesn't violate Constitution as it's based on intelligible different pic.twitter.com/B5NgqVGZ6s
— ANI (@ANI) May 11, 2022
अदालत के एक न्यायाधीश ने इस प्रावधान को समाप्त करने का समर्थन किया, जबकि दूसरे न्यायाधीश ने कहा कि यह असंवैधानिक नहीं है. खंडपीठ ने पक्षकारों को उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करने की छूट दी.
खंडपीठ की अगुवाई कर रहे न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने वैवाहिक बलात्कार के अपवाद को समाप्त करने का समर्थन किया, जबकि न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर ने कहा कि भारतीय दंड संहिता के तहत प्रदत्त यह अपवाद असंवैधानिक नहीं हैं और संबंधित अंतर सरलता से समझ में आने वाला है.