Crimes Against Women: महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधो को लेकर गृह मंत्रालय सख्त, राज्यों और केंद्रसाशित प्रदेशों के लिए जारी की एडवाइजरी
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश को एक नई एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी में साफ तौर पर राज्य सरकारों और सभी केंद्र शासित प्रदेशों को महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले में सही तरीके से काम करने और मामलों में लापरवाही न बरतने का दिशा-निर्देश जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि नियमों का पालन नहीं करना न्याय दिलाने के लिहाज उचित नहीं होगा. गृह मंत्रालय ने पुलिस स्टेशनों में महिला सहायता डेस्क की स्थापना और सुदृढ़ीकरण के लिए 'निर्भया फंड' से 100 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. यह योजना राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लागू की जाएगी.

केंद्रीय गृह मंत्रालय और महिला बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से सभी थानों में महिला सहायता डेस्क और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की स्थापना की जाएगी. यौन अपराधाों के मामले में FIR दर्ज करना अनिवार्य है. गृह मंत्रालय की तरफ से दिए गए दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि अगर महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कोई चूक होती है तो मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. उत्तर प्रदेश में नहीं थम रही रेप की वारदातें, शिकोहाबाद और दादरी में नाबालिक से बलात्कार. 

राज्यों और केंद्रसाशित प्रदेशों के लिए एडवाइजरी-

गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि महिला के खिलाफ अपराध यदि थाने के अधिकार क्षेत्र के बाहर हुआ है तो उस स्थिति में 'जीरो FIR'दर्ज की जाए. गृह मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि यौन अपराधों के मामले में पूरी जांच दो महीने के अंदर पूरी हो जानी चाहिए और इसकी रिपोर्ट सरकार की ओर से बनाए गए पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाना चाहिए.