इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court on Cow) ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में गाय को लेकर एक टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि गाय (Court on Cow) का भारतीय संस्कृति में अहम स्थान है. गाय को भारत में गाय एक मां के रूप में जानी जाती है और देवताओं की तरह उसकी होती पूजा है. इसलिए गाय को राष्ट्रीय पशु का दर्जा दिया जाना चाहिए.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आगे कहा कि गाय के संरक्षण को हिंदुओं का मौलिक अधिकार में शामिल किया जाए. भारतीय शास्त्रों, पुराणों व धर्मग्रंथ में गाय के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कोर्ट ने कहा कि भारत में विभिन्न धर्मों के नेताओं और शासकों ने भी हमेशा गो संरक्षण की बात की है.
भारत के संविधान के अनुच्छेद 48 में भी कहा गया है कि गाय नस्ल को संरक्षित करेगा और दुधारू व भूखे जानवरों सहित गौ हत्या पर रोक लगाएगा. भारत के 29 राज्यों में से 24 में गौ हत्या पर प्रतिबंध है.
आज इलाहाबाद हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को सुझाव दिया है कि केंद्र सरकार संसद में बिल लाकर गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करें, इसका हम स्वागत करते हैं और हाई कोर्ट की प्रशंसा करते हैं: उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग चेयरमैन श्याम नंदन सिंह pic.twitter.com/478jUzqRRd
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 1, 2021
कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा-
गौ हत्या के आरोपी जावेद की जमानत अर्जी नामंजूर करते हुए न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने कहा कि सरकार को संसद में बिल लाकर गाय को मौलिक अधिकार में शामिल करते हुए राष्ट्रीय पशु घोषित करना होगा और उन लोगों के विरुद्ध् कड़े कानून बनाने होंगे, जो गायों को नुकसान पहुंचाते हैं. कोर्ट ने कहा कि जब गाय का कल्याण तभी इस देश का कल्याण होगा.
कोर्ट ने कहा कि गाय के संरक्षण, संवर्धन का कार्य मात्र किसी एक मत, धर्म या संप्रदाय का नहीं है बल्कि गाय भारत की संस्कृति है और संस्कृति को बचाने का काम देश में रहने वाले हर एक नागरिक, चाहे वह किसी भी धर्म की उपासना करने वाला हो, की जिम्मेदारी है.
कोर्ट ने कहा कि हमारे सामने ऐसे कई उदाहरण हैं जब हम अपनी संस्कृति को भूले हैं तब विदेशियों ने हम पर आक्रमण कर गुलाम बनाया है. आज भी हम न चेते तो अफगानिस्तान पर निरंकुश तालिबानियों का आक्रमण और कब्जे को हमें भूलना नहीं चाहिए.
कोर्ट ने कहा गो मांस खाना किसी का मौलिक अधिकार नहीं है. जीभ के स्वाद के लिए जीवन का अधिकार नहीं छीना जा सकता. बूढ़ी बीमार गाय भी कृषि के लिए उपयोगी है. इसकी हत्या की इजाजत देना ठीक नहीं. यह भारतीय कृषि की रीढ़ है. कोर्ट ने कहा 29 में से 24 राज्यों में गोवध प्रतिबंधित है. एक गाय जीवन काल में 410 से 440 लोगों का भोजन जुटाती है और गोमांस से केवल 80 लोगों का पेट भरता है.