COVID Spike in Kerala: ओणम के बाद केरल में बेकाबू हुआ कोरोना, आने वाले दिनों में और खराब हो सकती है स्थिति

विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्पाइक अक्टूबर तक जारी रह सकता है. पिछले साल ओणम के बाद राज्य में अक्टूबर में सबसे अधिक मामले सामने आए थे. इस साल भी यह स्थिति संभव है. त्योहारों के लिए मिली छूट के अलावा अन्य कई कारण इस स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

तिरुवनंतपुरम: देश के अधिकांश राज्यों में कोरोना (COVID-19)  की दूसरी लहर कमजोर पड़ रही है. लेकिन इस बीच केरल (Kerala) में नए मामलों की संख्या एक बार फिर बेकाबू हो गई है. बुधवार को केरल में कोरोना के मामले तीन महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गए. यहां पिछले 24 घंटे में 31,445 कोरोना केस दर्ज हुए, जबकि 215 और मरीजों की मौत हो गई है. पिछले 24 घंटों में, राज्य ने कोरोना के मामलों में 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जबकि परीक्षण सकारात्मकता दर (TPR) 19.03 प्रतिशत तक बढ़ गई है. इससे पहले मंगलवार को राज्य में 24,296 नए मामले सामने आए थे. Maharashtra: दूसरी लहर से अधिक भयावह होगी COVID की तीसरी लहर? मुंबई, पुणे के लिए चेतावनी.

पिछली बार केरल में 20 मई को एक दिन में संक्रमण के मामले 30,000 के पार चले गये थे और उस दिन कोरोना के 30,491 नए मामले सामने आए थे. बता दें कि केरल में मई से प्रतिदिन औसतन 20,000 मामले सामने आ रहे हैं. कोरोना के मामलों में आए इस भयानक उछाल ने अब चिंता बढ़ा दी है. केरल में फिलहाल सक्रिय मरीजों की संख्या 1,70,292 है.

इससे पहले स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों ने पूर्वानुमान व्यक्त किया था कि ओणम त्योहार के बाद राज्य में जांच के मामलों में संक्रमण दर 20 प्रतिशत से अधिक हो सकती है और संक्रमण के मामले भी बढ़ेंगे. हालांकि, राज्य सरकार ने ओणम से पहले प्रतिबंधों को कड़ा कर दिया है, लेकिन विशेषज्ञों और प्रशासन ने मामलों में और तेजी आने की आशंका जताई है.

विशेषज्ञों का अनुमान है कि कोरोना के मामलों में आया यह उछाल अभी जारी रह सकता है. इस बीच थोड़ी राहत की बात यह है कि अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या कम है. यह संख्या प्रतिदिन औसतन 2 हजार है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि कोरोना के मामले 40 से 50 हजार प्रतिदिन के आंकड़े को छू सकते हैं.

विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्पाइक अक्टूबर तक जारी रह सकता है. पिछले साल ओणम के बाद राज्य में अक्टूबर में सबसे अधिक मामले सामने आए थे. इस साल भी यह स्थिति संभव है. त्योहारों के लिए मिली छूट के अलावा अन्य कई कारण इस स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं.

स्थिति को देखते हुए सरकार ने नए प्रतिबंधों को लागू करने और परीक्षणों की संख्या में तेजी लाने के लिए भी कदम उठाए हैं. खासकर कम टीकाकरण वाले जिलों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसके अलावा अधिक संक्रमण दर वाले जिलों एर्नाकुलम, मलप्पुरम, त्रिशूर, पलक्कड़ और कालीकट पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा.

ओणम त्योहार के दौरान सार्वजनिक समारोहों का जोखिम अगले 7-10 दिनों में दिखाई देने की उम्मीद है, चिंता की बात यह है कि डेल्टा वेरिएंट का प्रसार होने का खतरा है. राज्य सरकार ने संक्रमण को और बढ़ने से रोकने के लिए सघन स्क्रीनिंग कार्यक्रम की घोषणा की है.

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