देश में बढ़ते कोरोना के कारण देश के उपभोक्ताओं के मन में डर बिठा दिया है. वहीं इस पर रोकथाम पाने के लिए उठाए गए कदमों से अब बाजारों और व्यापार में नुकसान होने लगा है. कैट के अनुसार पिछले एक सप्ताह में देश के विभिन्न राज्यों के रिटेल व्यापार में 30 प्रतिशत की कमी आई है, वहीं रात्रि कर्फ्यू लगने से एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने वाले व्यापार की काम ढुलाई होने के कारण लगभग 15 से 20 प्रतिशत के व्यापार की गिरावट थोक व्यापार में आई है. Delhi: कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच दिल्ली में बढ़ाई गई सख्ती, जानें क्या हैं नए नियम.
दूसरी ओर देश के अनेक राज्यों में कई प्रकार के प्रतिबन्ध लगने तथा कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने के कारण बाजारों में उपभोक्ताओं का आना -जाना लगभग 50 प्रतिशत कम हो गया है.
कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया की, "पिछले एक सप्ताह में कोविड के आंकड़ों के एक गहन विश्लेषण ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कर्फ्यू और लॉकडाउन कोरोना मामलों को नियंत्रित करने के वांछित परिणाम प्राप्त करने में बिल्कुल व्यर्थ साबित हुए हैं."
कैट ने महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों के व्यापारियों से बातचीत के आधार पर यह आंकड़े जारी करते हुए कहा की देश भर में लोगों के बीच अनेक किंवदंतियों से देश में तेजी से बढ़ते कोविड मामलों के कारण लोगों ने अब घर से बाहर निकलना काफी हद तक कम कर दिया है, जिसका असर रिटेल बाजारों पर साफ दिखाई पड़ रहा है.
वहीँ लगभग सारे देश में दिन में मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबन्ध है जो रात्रि 9 बजे खुलता है लेकिन तब तक अधिकांश राज्यों में रात्रि कर्फ्यू लग जाता है इसलिए थोक माल की आवा जाही पर भी 15 से 20 प्रतिशत कमी आयी है है.
कैट के मुताबिक रात्रि कर्फ्यू अथवा लॉकडाउन कोविड से निपटने का कोई हल नहीं है. इस बार कोविड महामारी से निपटने के लिये कैट ने लगातार सरकार से सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ बातचीत करते हुए सबके सहयोग से एक मजबूत रणनीति बनाये जाने पर जोर दिया है !