COVID-19 Booster Dose Can Do More Harm: कोरोना की बूस्टर डोज फायदे के स्थान पर पहुंचा रही है नुकसान? एम्स के डॉक्टर ने किया बड़ा दावा
कोरोना के मामले बढ़ने के बाद बड़ी संख्या में लोग बूस्टर खुराक ले रहे हैं. सरकार भी जनता से बूस्टर खुराक लेने की अपील कर रही है. इन सब के बीच कोरोना वैक्सीन को लेकर जो बात सामने आई है वह चिंताजनक है.
नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस (COVID-19) के एक्टिव केस में फिर उछाल देखने को मिल रहा है. कई राज्यों में मामले बढ़ने के साथ इससे होने वाली मौतों की संख्या भी बढ़ी है. बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण से 27 लोगों की मौत हो गई है, वहीं अब देश में नए मरीज मिलने के बाद सक्रिय मामलों की संख्या 60 हजार के पार पहुंच गई है. कोविड-19 मामलों में हालिया वृद्धि के मद्देनजर स्वास्थ्य विशेषज्ञ लोगों को अधिकतम सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं और बूस्टर खुराक लेने की अपील भी कर रहे हैं. COVID-19: कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच SII ने फिर शुरू किया Covishield का निर्माण, 90 दिनों में 6 से 7 मिलियन डोज होंगी उपलब्ध.
कोरोना के मामले बढ़ने के बाद बड़ी संख्या में लोग बूस्टर खुराक ले रहे हैं. सरकार भी जनता से बूस्टर खुराक लेने की अपील कर रही है. इन सब के बीच कोरोना वैक्सीन को लेकर जो बात सामने आई है वह चिंताजनक है. एम्स के डॉक्टर संजय राय का मानना है कि इस समय वैक्सीन की बूस्टर डोज फायदे से ज्यादा नुकसान कर सकती है.
एक तरफ कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कई विशेषज्ञ और डॉक्टर लोगों को ज्यादा से ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं और जिन्होंने बूस्टर डोज नहीं ली है उन्हें लेने के लिए कह रहे हैं. वहीं एम्स के डॉक्टर संजय राय का यह दावा चौंकाने वाला है.
बूस्टर डोज से होगा नुकसान?
दिल्ली के एम्स अस्पताल में कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. संजय राय का मानना है कि इस समय वैक्सीन की बूस्टर डोज अच्छे से ज्यादा नुकसान कर सकती है. ANI से बात करते हुए डॉ. संजय ने कहा, 'आरएनए वायरस में म्यूटेशन के कारण मामले बढ़ते-घटते रहेंगे. आने वाले समय में भी यह स्थिति ऐसे ही बनी रहेगी. इससे घबराने की जरूरत नहीं है.'
डॉक्टर संजय राय ने कहा, जो लोग नए वैरिएंट से संक्रमित होंगे, वे नई रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा करेंगे. लेकिन इन सबके बावजूद अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि क्या गंभीर रोगियों, अस्पताल में भर्ती या मृत्यु दर बढ़ रही है?" उन्होंने कहा, 'कोविड के शुरुआती दौर में जब लोग ज्यादा संख्या में संक्रमित नहीं हुए, लोगों में हर्ड इम्युनिटी नहीं थी, तब उन्हें ज्यादा वैक्सीन की जरूरत पड़ी. लेकिन अब देश में लगभग सभी लोग संक्रमित हो चुके हैं, जिसके बाद उनमें प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता बन गई है. यह किसी भी वायरस से बचाने में वैक्सीन से ज्यादा कारगर है.
उन्होंने कहा, हम वैक्सीन से किसी नए वेव को नहीं रोक सकते, यह केवल मृत्यु और गंभीरता को कम करता है. संक्रमण को रोकने के लिए अधिक स्टेरॉयड देना आपको फायदा देने के स्थान पर अधिक नुकसान पहुंचा सकता है."
कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर ने आगे कहा कि कई शोध यह कहते हुए सामने आए हैं कि अगर आप एक बार कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं, तो आपने प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली है और आप लंबे समय तक के लिए सुरक्षित हो जाते हैं. वर्तमान में कोरोना और इन्फ्लूएंजा दोनों लोगों को संक्रमित कर रहे हैं. इन्फ्लुएंजा एक वायरल संक्रमण है जो हर साल आता है और मौसम के अनुसार लोगों को संक्रमित करता है."
उन्होंने आगे कहा, वैक्सीन का बूस्टर डोज कितना असरदार होगा इसे लेकर कोई शोध सामने नहीं आया है. केवल संभावनाओं के आधार पर हम यह नहीं कह सकते कि बूस्टर डोज इस समय लोगों के लिए फायदेमंद होगा. चीन, जापान, दक्षिण कोरिया इन सभी देशों का अत्यधिक टीकाकरण हो चुका है, जापान को टीके की 4 खुराकें मिल चुकी हैं, फिर भी वहां कोरोना का संक्रमण एक बार फिर बहुत तेजी से फैल रहा था. इन देशों में टीकाकरण के बाद भी कोविड-19 तेजी से फैला क्योंकि उन्होंने शून्य कोविड-19 की नीति को अपनाया इससे लोगों को प्राकृतिक रूप से संक्रमण नहीं हुआ जिससे लोग टीका लगवाने के बाद भी संक्रमित हो गए.
डॉक्टर ने कहा कि प्राकृतिक संक्रमण के बाद जो सुरक्षा मिलती है वह वैक्सीन लेने के बाद भी नहीं मिलती है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति अभी तक संक्रमित नहीं हुआ है तो उसे वैक्सीन लेना जरूरी है.
उन्होंने कहा, "अगर आप पहले से ही संक्रमित हैं तो बूस्टर डोज कितना प्रभावी होगा, इस पर कोई शोध नहीं हुआ है. और अगर यह नया वैरिएंट प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता को दरकिनार कर आपको संक्रमित कर रहा है, तो यह वैक्सीन को दरकिनार कर आपको भी संक्रमित कर सकता है." एम्स डॉक्टर ने कहा कि अभी जो स्थिति हम देख रहे हैं वह हमेशा बनी रहेगी.
उन्होंने कहा, '"मामलों में वृद्धि देखी जाएगी. अगर हम परीक्षण करते रहेंगे, तो मामले भी बढ़ते रहेंगे, लेकिन यह सबसे महत्वपूर्ण है कि अस्पताल में भर्ती, मृत्यु और गंभीरता न बढ़े. और जो लोग संक्रमित हो रहे हैं, उनके लिए यह उनके लिए मास्क पहनना जरूरी है, अगर वे घर से बाहर जा रहे हैं तो भीड़-भाड़ वाली जगहों पर न जाएं. उन्हें घर में खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए.'