हसीन जहां विवाद: मोहम्मद शमी की बढ़ी मुश्किलें, कोर्ट में पेश नहीं होने पर जारी हो सकता है गिरफ्तारी का वारंट
इस बीच पत्नी को दिए चेक बाउंस मामले में कोलकाता की अलीपुर कोर्ट ने इस मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए उन्हें 15 जनवरी को कोर्ट में पेश होने को लेकर आदेश दिया है. कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहां है कि अगर शमी अदालत के सुनवाई के दौरान कोर में पेश नहीं होते है तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया जा सकता है.
कोलकाता: भारत के तेज गेदबांज मोहम्मद शमी और पत्नी हसीन जहां के बीच उनकी मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं है. इस बीच पत्नी को दिए चेक बाउंस मामले में कोलकाता की अलीपुर कोर्ट ने इस मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए उन्हें 15 जनवरी को कोर्ट में पेश होने को लेकर आदेश दिया है. कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहां है कि अगर शमी अदालत के सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश नहीं होते है तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया जा सकता है.
दरअसल हसीन जहां और मोहम्मद शमी के बीच विवाद होने के बाद हसीन जहां ने पारक्रम्य कानून के तहत कोर्ट में मामला दर्ज करवाया था. कोर्ट मामले की सुनवाई करते हुए शमी को हर महीने मासिक खर्च के तौर पर खर्चा देने को कहा गया था. लेकिन उन्होंने पत्नी को बैंक द्वारा जो चेक देते थे उनका वह चेक बाउंस हो गया था. जिसके बाद हसीन जहां ने कोलकाता के अलीपुर कोर्ट में उनके खिलाफ यह कहते हुए चेक बाउंस का मामला दर्ज करवाया कि चेक बाउंस होने के बाद उन्हें और उनकी बेटी का लालन-पोषण करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा. यह भी पढ़े: क्रिकेटर मोहम्मद शमी की पत्नी हसीन जहां ने थामा कांग्रेस का हाथ
कोर्ट में मामला दर्ज करवाने के बाद अदालत में पिछले महीने सुनवाई शुरू हुई लेकिन वे सुनवाई के दौरान कोर्ट में हाजिर नहीं हुए. बुधवार को भी कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई इस बार भी वे कोर्ट में पेश नहीं हुए. कोर्ट उनके इस रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए आदेश दिया है कि वे कोर्ट में अगले साल 15 जनवरी को जरूर पेश हो. यह भी पढ़े: मोहम्मद शमी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को आउट करने के लिए इस चीज का ले रहे है सहारा
वहीं इस पूरे मामले पर शमी के वकील एसके सलीम का कहना है कि हमने कोर्ट के जज के सामने दरख्वास्त दी है कि उनका मुवक्किल क्रिकेट मैचों में बिजी होने के कारण अदालत में पेश नहीं हो पा सकेगा. ऐसे में शमी को वकील के जरिए पेश होने की स्वीकृति दी जाए. इस पर कोर्ट के जज ने नाराजगी दिखाते हुए कहा कि कानून सबके लिए बराबर है.