नई दिल्ली, 20 जुलाई: दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को 79 बांग्लादेशी और 42 किर्गिस्तानी नागरिकों पर 5000-5000 रुपये का जुर्माना लगाया. इन विदेशी नागरिकों ने मार्च में तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat ) में भाग लेने के दौरान विभिन्न उल्लंघनों से जुड़े अपने आरोप कबूल कर लिए थे. विदेशी नागरिकों ने भारत में कोविड-19 (Covid-19) के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों के बाद भी निजामुद्दीन मरकज में हिस्सा लिया. साथ ही भारत सरकार द्वारा जारी वीजा मानदंडों और दिशानिर्देशों का कथित उल्लंघन किया था.
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट जितेन्द्र प्रताप सिंह और रोहित गुलिया ने बांग्लादेशी और किर्गिस्तान के नागरिकों को दोषी ठहराते हुए प्रत्येक पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया. हालांकि, तीन बांग्लादेशी और आठ किर्गिस्तानी नागरिकों ने मामले में आरोपों को स्वीकार नहीं किया है. वहीं दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने इस मामले में 900 से अधिक विदेशी नागरिकों को नामजद किया है. बता दें कि तबलीगी जमात प्रमुख मौलाना साद कांधलवी और अन्य के खिलाफ 31 मार्च को प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
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आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), महामारी रोग अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत और आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधात्मक आदेशों के उल्लंघन भी आरोप लगाए गए हैं.