अदालत ने 2018 के ट्वीट मामले में ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक जुबैर को दी जमानत
मोहम्मद जुबैर (Twitter)

नई दिल्ली, 15 जुलाई : दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को 'आपत्तिजनक ट्वीट' से संबंधित एक मामले में जमानत दे दी, जिसमें कथित तौर पर धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा दिया गया था. पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेंद्र कुमार जांगला ने जुबैर को एक जमानत के साथ 50,000 रुपये के मुचलके और अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ने की शर्त पर जमानत दी. इस मामले में विस्तृत आदेश दिन में बाद में उपलब्ध कराए जाने की उम्मीद है.

इसी पीठ ने गुरुवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था. अदालत ने पहले उल्लेख किया था कि सर्वोच्च न्यायालय इस संबंध में एक अलग मामले की सुनवाई कर रहा है और तदनुसार, मामले को पहले ही स्थगित कर दिया गया है. सुनवाई के दौरान, जुबैर की वकील वृंदा ग्रोवर ने दलीलें दोहराईं, जिसमें उन्होंने सवाल किया, "चार साल बाद भी 2018 के ट्वीट के बारे में इतना उत्तेजक क्या है? पुलिस शुरूआती मामले में लगातार सुधार कर रही है." जुबैर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और 201 (सबूत गायब करना) और विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम की धारा 35 के तहत नए आरोप लगाए गए हैं. यह भी पढ़ें : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने युद्धपोत ‘दूनागिरी’ का जलावतरण किया

2 जुलाई को, पटियाला हाउस कोर्ट में मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया ने जुबैर की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और दिल्ली पुलिस द्वारा मांगी गई 14 दिन की हिरासत को मंजूरी दे दी थी. सरवरिया ने जुबैर की याचिका को खारिज करते हुए कहा, "चूंकि मामला जांच के प्रारंभिक चरण में है और मामले के समग्र तथ्यों और परिस्थितियों और आरोपी के खिलाफ कथित अपराधों की प्रकृति और गंभीरता को देखते हुए जमानत देने का कोई आधार नहीं बनता है." प्राथमिकी के अनुसार, आरोपी जुबैर ने एक पुरानी हिंदी फिल्म के स्क्रीनग्रैब का इस्तेमाल किया था, जिसमें एक होटल की तस्वीर दिखाई दे रही थी, जिसके बोर्ड पर 'हनीमून होटल' के बजाय 'हनुमान होटल' लिखा हुआ था. जुबैर ने अपने ट्वीट में लिखा था, "2014 से पहले: हनीमून होटल. 2014 के बाद: हनुमान होटल." दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित आपत्तिजनक ट्वीट के सिलसिले में पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली जुबैर की याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था और उनके लैपटॉप को जब्त करने की अनुमति दी थी.