लॉकडाउन में महिलाओं ने उठाया बीड़ा, दिल्ली के 272 वार्डों में गरीब महिलाओं को बांटे सैनिटरी नैपकिन
कोरोना संकट में कई तरह के रोजगार बंद हो गए हैं, इसका सबसे ज्यादा प्रभाव असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले कामगारों पर पड़ा. केवल कामगार नहीं बल्कि उनके घरों की महिलाएं भी कई तरह की समस्याओं से जूझती नज़र आयीं. राशन, सब्जी, दूध के अलावा एक परेशानी और थी.
कोरोना संकट में कई तरह के रोजगार बंद हो गए हैं, इसका सबसे ज्यादा प्रभाव असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले कामगारों पर पड़ा. केवल कामगार नहीं बल्कि उनके घरों की महिलाएं भी कई तरह की समस्याओं से जूझती नज़र आयीं. राशन, सब्जी, दूध के अलावा एक परेशानी और थी. वो है सैनिटरी नैपकिन नहीं मिलने की. इन महिलाओं की जरूरत को देखते हुए दिल्ली की कुछ महिलाओं ने बस्तियों में जाकर सैनिटरी नैपकिन बांटने का अभियान चलाया. इस बारे में सामाजिक कार्यकर्ता टीना शर्मा बताती हैं कि लॉकडाउन के कुछ दिन बाद से वह अभियान चला रही हैं. वह अलग-अलग वार्डों में नैपकिन बांटने वालों को हजार-हजार के क़रीब नैपकिन दे रही हैं, जो अलग-अलग एरिया में जाकर महिलाओं को बांटते हैं.
अब तक कई लाख सैनिटरी नैपकिन बांट चुकी टीना शर्मा बताती हैं कि पिछले 15 दिनों में ही दो लाख से ज्यादा सैनिटरी नैपकिन महिला पार्षदों के जरिए बांट चुकी हैं. इसमें दिल्ली के 272 वार्डों को कवर किया है. इसमें सभी पार्षदों और मेयर का सहयोग शामिल है. इसके अलावा सोशल मीडिया के जरिए भी लोगों तक मदद पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. उनका कहना है कि ये अभियान अभी जारी रहेगा. साथ ही वह समाज की अन्य महिलाओं को भी जागरूक कर रही हैं कि अपने आस-पास की ऐसी महिलाओं या घर में काम करने वाली घरेलू मेड की मदद करें.
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टीना शर्मा की तरह ही कई और महिलाएं हैं जो गरीब महिलाओं को मदद कर रही हैं. इस अभियान को देखकर ही हाल ही में दिल्ली बीजेपी ने मिशन अनिवार्य लॉन्च किया. जिसका मकसद गरीब और आर्थिक रूप से कमोजार महिलाओं तक सैनिटरी नौपकिन पहुंचाना है.
महामारी के समय में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाली महिलाओं और किशोरियों को खुद को सुरक्षित रखने के लिए सैनिटरी नैपकिन पहुंचना जरूरी है. इसके लिए दिल्ली पुलिस ने भी भरपूर सहयोग दिया है.