नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है. बीते 12 घंटों में देश के विभिन्न हिस्सों में कोविड-19 (COVID-19) के 240 नए मामलों की पुष्टि हुई है. इसके साथ एस महामारी से संक्रमित कुल मामलों की संख्या बढ़कर 1637 हो गई है. जबकि 38 लोगों की मौत कोरोना वायरस की चपेट में आने से हो गई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर बुधवार की सुबह 9 बजे अपडेट की गई जानकारी के अनुसार, देश में कोराना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 1466 हो चुकी है जिनमें से 132 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि इस घातक वायरस ने तीन और लोगों की जान ले ली, जिससे मौत का आंकड़ा बढ़कर 38 हो गया है. कोरोना वायरस का कहर: यूपी में Covid-19 से पहली मौत, 25 साल के युवक ने तोड़ा दम
दिल्ली में तब्लीगी जमात में हिस्सा लेने देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे लोगों में कुछ लोग कोरोना वायरस संक्रमित पाए गए हैं. इसके बाद से इसके मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. दिल्ली पुलिस ने बुधवार तड़के तबलीगी मरकज से विदेशियों समेत 2100 से ज्यादा लोगों को बाहर निकाला गया.
बीते 12 घंटों में कोरोना वायरस के मामलों में 240 की बढ़त हुई है। कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या बढ़कर 1637 हो गई है( इसमें 1466 लोगों को अभी संक्रमण है, 133 ठीक/डिस्चार्ज/माइग्रेटिड लोग हैं और 38 मौतें शामिल हैं): स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय #COVID19 pic.twitter.com/0EksBMPWg2
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 1, 2020
मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार रात तक देश में कोरोना वायरस से मौत के सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र में थे. इस राज्य में नौ रोगियों की मौत हो चुकी है. गुजरात में छह, कर्नाटक में तीन, मध्य प्रदेश और पंजाब में तीन-तीन, दिल्ली में दो, पश्चिम बंगाल में दो और जम्मू कश्मीर में कोविड-19 से मौत के दो मामले आये हैं. जबकि केरल, तेलंगाना, तमिलनाडु, बिहार और हिमाचल प्रदेश में इस महामारी से एक-एक रोगी की मौत हो चुकी है.
बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के संक्रमण से गंभीर रूप से प्रभावित मरीजों के इलाज के लिये मलेरिया की दवा यानि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के साथ एजीथ्रोमाइसीन देने के लिए कहा है. हालांकि यह दवा 12 साल से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं तथा शिशुओं को दुग्धपान कराने वाली महिलाओं को नहीं दिया जाएगा.
दरअसल कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में अन्य वायरल रोधी (एंटीवायरल) दवा कारगर साबित नहीं हो रही है. जिसके चलते आईसीयू में भर्ती गंभीर हालत वाले रोगियों को ये दोनों दवायें एक साथ दी जाएगी. वर्तमान में कोरोना के मरीजों को तीन श्रेणियो में बाटा गया है- गंभीर, मध्यम और मामूली संक्रमण. इसी के आधार पर संक्रमितों का इलाज तय किया गया है. (एजेंसी इनपुट के साथ)