नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के प्रकोप के बीच ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) के नए प्रकार ने चिंता बढ़ा दी है. हाल ही में ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट बीए.2 (BA.2) का पता चला है. विश्व के कई हिस्सों के साथ ही भारत में भी इसके मामले मिले है. फ़िलहाल स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसकी क्षमता का विश्लेषण कर रहे है. कोरोना के नए वेरिएंट के बीच लोगों को जीना सीखना होगा: चिकित्सक
ब्रिटिश में ओमिक्रॉन के नए सब वेरिएंट की दस्तक काफी पहले हो चुकी थी, जहां अब तक सैकड़ों मामलों की पहचान की जा चुकी है. वहीं, मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर के जोर पकड़ने के बीच एक निजी चिकित्सा संस्थान की प्रयोगशाला की जांच में पिछले 18 दिन के दौरान कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के "बीए.2" उप-वंश (सब लीनिएज) के 21 मामले मिले हैं. इस उप-वंश यानी सब-वेरिएंट से संक्रमित मरीजों में छह बच्चे भी शामिल हैं. इन मामलों के मिलने की शुरुआत छह जनवरी से हुई थी. उधर, कोलकाता में 80% नमूनों में ओमिक्रॉन का नया सब वेरिएंट पाया गया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) के अनुसार, ओमिक्रॉन के तीन सब वेरिएंट हैं- बीए.1, बीए.2, और बीए.3. हालांकि दुनियाभर में रिपोर्ट किए गए ओमिक्रॉन वेरिएंट में बीए.1 हावी रहा जबकि अब बीए.2 तेजी से फैल रहा है. शोधकर्ताओं के अनुसार, भले ही बीए.2 सब-स्ट्रेन बीए.1 के साथ 32 स्ट्रेन साझा करते है, लेकिन तब भी इसमें 28 से अधिक यूनिक म्यूटेशन हो सकते हैं. हालांकि अभी इतने प्रमाण नहीं मिले हैं कि बीए.2 ओमिक्रॉन के बीए.1 की तुलना में अधिक गंभीर बीमारी का कारण हो सकता है.
लेकिन अब तक मिले संक्रमितों की जांच-पड़ताल से यह बात तो कुछ हद तक स्पष्ट है कि नया सब-वेरिएंट बीए.2 और मौजूदा ओमिक्रॉन मरीज पर एक जैसा प्रभाव डालता है. यानी संक्रमण के लक्षण से लेकर बीमारी की गंभीरता तक दोनों के बीच कोई खास अंतर नहीं नजर आया है.