कोरोना वायरस: लॉकडाउन के चलते बिना किसी रोजगार और कमाई के पूर्वोत्तर के लोग महाराष्ट्र में फंसे

रोजगार के लिए महाराष्ट्र में रहने वाले पूर्वोत्तर के लोगों को कोविड-19 की वजह से देशव्यापी बंद के दौरान मुश्किल हालातों से गुजरना पड़ रहा है क्योंकि उनमें से ज्यादातर असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं और उनकी रोजी-रोटी रोजाना की कमाई पर ही निर्भर करती है. कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए देशव्यापी बंद की घोषणा के बाद सबकुछ ठहर सा गया है और ज्यादातर लोगों के काम-काज भी बंद हैं.

कोरोना वायरस का प्रकोप (Photo Credits: IANS)

मुंबई. रोजगार के लिए महाराष्ट्र में रहने वाले पूर्वोत्तर के लोगों को कोविड-19 की वजह से देशव्यापी बंद के दौरान मुश्किल हालातों से गुजरना पड़ रहा है क्योंकि उनमें से ज्यादातर असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं और उनकी रोजी-रोटी रोजाना की कमाई पर ही निर्भर करती है. कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए देशव्यापी बंद की घोषणा के बाद सबकुछ ठहर सा गया है और ज्यादातर लोगों के काम-काज भी बंद हैं.

मुंबई में पूर्वोत्तर समुदाय के प्रतिनिधि थर्मी रेखन ने बताया कि एक आकलन के मुताबिक पूर्वोत्तर राज्यों के 20,000 से ज्यादा लोग महाराष्ट्र में रहते और कमाते हैं। इनमें से सबसे ज्यादा लोग मुंबई में रहते हैं. यह भी पढ़े-लॉकडाउन के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का बड़ा ऐलान, किराना-मेडिकल स्टोर को 24 घंटे खुले रखने की दी इजाजत

उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया कि बंद के बाद से वह कई तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं क्योंकि मुंबई तथा महाराष्ट्र् के अन्य हिस्सों में 99 फीसदी आबादी अपनी रोजी-रोटी के लिए रोजाना की मजदूरी पर निर्भर है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग अपने घर भी नहीं लौट सकते हैं क्योंकि यातायात साधन बंद है.

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