लॉकडाउन के दौरान इमोशनल इम्युनटी को बढ़ाना भी जरूरी:  स्वास्थ्‍य विशेषज्ञ
कोरोनावायरस (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) ने पूरी दुनिया में अपना पैर पसार लिया है. पूरी दुनिया एक जंग लड़ रही है. अब तक लोग समझ चुके हैं कि जब तक वैक्सीन नहीं आती तब तक इस वायरस से बचने का एक ही तरीका है वो है लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग. भारत की जनता भी इसका बखूबी पालन कर रही है. कई लोगों घर में बैठे-बैठे तनाव में आ रहे हैं.अगर स्वास्थ्‍य विशेषज्ञों की मानें तो तनाव लेने से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। लिहाज़ा कोरोना से इस जंग में इमोशनल इम्‍युनिटी को भी बढ़ाना उतना ही जरूरी है, जितना कि शारीरिक इम्‍युनिटी. माइंड स्पेशियलिस्ट्स के निदेशक डॉ. अवधेश शर्मा का कहना है सबको अब पता है कि कोरोना को कैसे हराना है.

उन्बहोंने कहा कि बस उसका पालन करना है. भारत ने बहुत सही समय पर लॉकडाउन का निर्णय लिया. जिससे संक्रमण उस स्तर पर नहीं फैला, जितने की आशंका थी.  इतने कठिन समय में लोगों ने भी बहुत साथ दिया.  अब इतने दिन बीत चुके हैं इसलिए बहुत घबराने की जरूरत नहीं है. बहुत जल्द कोरोना वायरस से पार पा सकेंगे. उन्होंने कहा कि बहुत लोग अगर बाहर जाते हैं किसी काम से या घर में भी हैं तो हर वक्त एक डर के साए में रहते हैं कि कहीं उन्हें कोरोना वायरस तो नहीं हो गया.लेकिन संक्रमण हो जाएगा इस बात से तनाव नहीं लें, क्योंकि अगर आप सभी दिशा-निर्देश का सावधानी से पालन करते हैं तो डरने की कोई जरूरत नहीं है. अगर कहीं जा रहे हैं या कुछ खरीदते हैं तो थोड़ा सजग जरूर रहने की जरूरत है. आरोग्य सेतु ऐप फोन में जरूर रखें. यह आपको अलर्ट करता रहेगा। डरेंगे तो नॉर्मल लाइफ नहीं जी पाएंगे. यह भी पढ़े: कोरोना वायरस से ठीक से नहीं निपटने के खिलाफ बंगाल भाजपा के कार्यकर्ताओं ने घर पर ही दिया धरना

एहतियात बरतें तनाव न लें

डॉ. शमा का कहना है कि एक सामान्य जीवन की बात जब आती है तो खुशहाल परिवार रहे, खाने पीने का ध्यान रखें। इस वक्त ऐसा कुछ भी न करें और न सोंचे जिससे इम्यून पावर पर असर पड़ें. दरअसल कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं या कुछ पुरानी बीमारी जैसे मधुमेह, ब्लड पेशर, सांस फूलने की की बीमारी होती है। जिसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जती है. ऐसे लोग भी डरने लगते हैं या परिवार के लोग भय में रहते हैं कि कहीं उन्हें वायरस का संक्रमण न हो जाएं। इस पर डॉ अवधेश शर्मा ने कहा कि यह मत सोचें कि आपको कोरोना वायरस हो जाएगा. अगर आपको कोई भी बीमारी है और वो कंट्रोल है, तो बस एहतियात बरतें, डरें नहीं.

इमोशनल इम्यूनिटी को बढ़ाएं

डर की वजह से आप अंदर से आप परेशान होंगे और उससे तनाव बढ़ता। और तनाव मानसिक शक्ति को कम करता है, जिसकी वजह से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। अगर आप सकारात्मक रहेंगे तो शरीर में एक इमोशन को लेकर हार्मोन बनता है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसका लाभ केवल आज ही नहीं बल्कि आने वाले समय में भी अगर कोई बीमारी आती है, शरीर उससे मुकाबला कर लेगा। उन्होंने कहा कि वैसे कोरोना इतनी बड़ी बीमारी भी नहीं है क्योंकि 80 प्रतिशत लोग खुद ही ठीक हो रहे हैं। बस सावधान और एहतियात की जरूरत है.

(यह लेख आकाशवाणी पर प्रसारित कार्यक्रम 'कोरोना जागरूकता सीरीज़' में हुई चर्चा पर आधारित है)