निर्भया गैंगरेप केस (Nirbhaya Gangrape Case) में फांसी की सजा पाए चारों दोषियों में से एक पवन गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की है. याचिका में दोषी पवन (Pawan) ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदलने की मांग की है. बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट द्वार निर्भया के दोषियों के लिए जारी डेथ वारंट के अनुसार तीन मार्च को सुबह छह बजे उन्हें फांसी पर लटकाया जाना है लेकिन दोषी अभी तक बचने की उम्मीद में हैं. जेल प्रशासन का कहना है कि अभी फांसी को लेकर तैयारी जारी हैं. हालांकि इस बार दोषियों को फांसी होगी या नहीं इसे लेकर भी कुछ नहीं कहा जा सकता. लगातार 2 बार दोषियों की फांसी टल चुकी है.
अब पवन गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल कर फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की है. ऐसे में माना जा रहा है दोषियों को कुछ और समय मिल सकता है. दरअसल, दोषी पवन गुप्ता ने अभी तक सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेविट याचिका नहीं लगाई थी और न ही राष्ट्रपति से दया की गुहार की है. अगर हर बार की तरह कोर्ट ने इस बार भी फांसी याक कहकर टाल दी कि कोर्ट में याचिका लंबित है तो फांसी टलने की उम्मीद है.
दोषी पवन ने की फांसी को उम्रकैद में बदलने की मांग-
2012 Delhi gang-rape case: Fourth death row convict in the case, Pawan Kumar Gupta, files a curative petition before the Supreme Court seeking direction to commute his death sentence to life imprisonment. pic.twitter.com/RZ2kALcuyk
— ANI (@ANI) February 28, 2020
क्यूरेटिव पिटीशन के बाद दोषी पवन के पास अभी दया याचिका का भी विकल्प बाकी है. वहीं बाकी तीनों दोषियों ने अपने सारे विकल्पों का इस्तेमाल कर चुके हैं. इससे पहले कोर्ट ने निर्भया के चारों दोषियों को तीन मार्च को फांसी पर लटकाने के आदेश जारी किए थे. तीन दोषियों की फांसी का रास्ता एकदम साफ है लेकिन दोषी पवन के पास विकल्प अभी बाकी हैं. ऐसे में देखना यह होगा कि इस बार कोर्ट मामले में क्या फैसला सुनाता है.
तीसरी बार जारी हो चुका है डेथ वारंट
गौरतलब है कि निर्भया गैंगरेप केस में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों को तीसरी बार डेथ वारंट जारी कर चुका हैं. डेथ वारंट के मुताबिक दोषियों को 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी दी जाएगी. इससे पहले दोषियों दो बार डेथ वारंट जारी किया जा चुका है. दोषियों को सबसे पहले 22 जनवरी को फांसी की तारीख मुकर्रर हुई थी. दूसरी बार 1 फरवरी को फांसी की तारीख तय की गई थी.
साल 2012 का मामला
16 दिसंबर, 2012 की रात 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा निर्भया के साथ चलती बस में बहुत ही बर्बर तरीके से गैंगरेप किया गया था. गैंगरेप के बाद निर्भया की गंभीर हालत में सड़क पर फेंक दिया गया था. दिल्ली में इलाज के बाद निर्भया को एयरलिफ्ट करके सिंगापुर ले जाया गया था. गैंगरेप के बाद निर्भया 13 दिनों तक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझती रही. जिंदगी से जंग करते-करते 29 दिसंबर को उसने दम तोड़ दिया था.
31 अगस्त 2013 को निर्भया के केस में 6 आरोपी कोर्ट में दोषी साबित हुए थे. इस मामले के 6 दोषियों में से एक नाबालिग था, जिसे सुधार गृह भेजा गया था. एक आरोपी रामसिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगा ली थी. चार अन्य दोषियों- पवन, मुकेश, अक्षय और विनय शर्मा की फांसी का इंतजार देश कर रहा है.