90 बार राष्ट्रपति शासन लगाने वाली कांग्रेस आज संविधान समाप्त करने की बात करती है : रविशंकर प्रसाद
BJP leader Ravi Shankar Prasad | Credit- ANI

पटना, 30 अप्रैल : भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस और राजद के संविधान और आरक्षण समाप्त करने के बयान पर दोनों पार्टियों को घेरते हुए कहा कि वे हताशा में ऐसा बयान दे रहे हैं. उनके पास कोई मुद्दा नहीं है, इस कारण वे ऐसा बोल रहे हैं.

पटना में एक प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने प्रदेशों में 90 बार राष्ट्रपति शासन लगाए, जिसमें से 50 बार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राष्ट्रपति शासन लगाया. राम मंदिर आंदोलन के दौर में यूपी ही नहीं हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान में सरकार गिरा दी गई थी. यह वही कांग्रेस है, जिसने देश में आपातकाल लगाया. उस दौरान लालू यादव भी जेल गये थे और आज कहते हैं कि संविधान खतरे में है. यह भी पढ़ें : Chhattisgarh Encounter: छत्तीसगढ़ में जवानों की बड़ी कार्रवाई, मुठभेड़ में महिला सहित 9 से अधिक नक्सली ढेर, शव बरामद- VIDEO

उन्होंने कहा कि उस दौर में संपादकों को भी प्रताड़ित किया गया. आज कांग्रेस और राजद के लोग कह रहे हैं कि भाजपा सरकार में आई तो संविधान बदल देगी. पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार 10 साल से है, लेकिन, संविधान छुआ तक नहीं. दूसरी तरफ एनडीए ने ओबीसी संवैधानिक कमीशन को संवैधानिक दायित्व दिया. यही नहीं तीन तलाक जैसे अभिशाप को बदल दिया. आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सबल प्रदान किया. दलित समाज से आने वाले रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाया तो आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को सर्वोच्च पद प्रदान किया गया.

उन्होंने कहा कि संविधान शाश्वत है, स्थायी और सम्मानीय है. ये हमारा चरित्र है. आज संविधान अगर असुरक्षित है तो कांग्रेस और उनके सहयोगियों की सोच के कारण है. भाजपा आरक्षण की पक्षधर शुरू से रही है. एससी, एसटी, ओबीसी का आरक्षण देश में बना रहेगा, इसमें किसी को शक नहीं होना चाहिए. आज कर्नाटक में ओबीसी में मुस्लिमों को शामिल किया जा रहा है. संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं है.

उन्होंने आगे कहा कि आज जो योजनाएं बनती हैं वह किसी एक जाति या धर्म के लिए नहीं बनती. आज मुस्लिम महिलाएं प्लेन उड़ा रही हैं. तीन तलाक समाप्त होने के बाद नया जोश है. यह हमारी सोच है. यह उनकी सोच नहीं हो सकती जो वोटबैंक की राजनीति के लिए योजनाएं तैयार करते हैं. आज राहुल गांधी संपत्ति सर्वे कराने और क्रांतिकारी फैसले की बात कर रहे हैं. यह राहुल गांधी की अपनी नहीं, माओवादी सोच है, जो हावी है.