जम्मू, 6 अप्रैल : केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (Central Reserve Police Force) के ‘कोबरा’ कमांडो राकेश्वर सिंह मिन्हास का परिवार शनिवार को छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में हुए नक्सली हमले की खबर सुनने के बाद से गहरे सदमे में है. हमले के दौरान नक्सलियों ने मिन्हास को अगवा कर लिया था. मिन्हास की पांच साल की बेटी श्रग्वी अपने पिता को मुक्त करने की गुहार लगा रही है. सीआरपीएफ की बटालियन पर किए गए हमले में कम से कम 22 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए हैं और नक्सलियों का दावा है कि मिन्हास उनके कब्जे में हैं. जम्मू-अखनूर रोड के बरनई क्षेत्र में मिन्हास के घर पर उनकी पत्नी मीनू ने संवाददाताओं से कहा, “हमें न्यूज चैनल से हमले की जानकारी मिली और पता चला कि वह लापता हैं.
सरकार और सीआरपीएफ (CRPF) में से किसी ने हमें घटना की जानकारी नहीं दी.” उन्होंने कहा कि उन्होंने जम्मू स्थित सीआरपीएफ मुख्यालय से मिन्हास के बारे में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की. उन्होंने कहा, “मुझे बताया गया कि वह मुझसे कोई भी जानकारी साझा नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि तस्वीर साफ होने के बाद वे मुझे बताएंगे.” यह भी पढ़ें : नौसेना के जहाजों को दुश्मन की मिसाइल से बचाने के लिए ‘चैफ’
मीनू अपनी बेटी को गोद में लेकर उसके पिता के सुरक्षित लौटने का इंतजार कर रही हैं. मीनू ने बताया कि एक अधिकारी उनके घर पर आए थे और आश्वासन देकर चले गए. उन्होंने कहा कि मिन्हास से उनकी आखिरी बातचीत शुक्रवार को रात साढ़े नौ बजे हुई थी, जब वह ड्यूटी के लिए रवाना हो रहे थे. मीनू ने कहा कि उनके पति ने देश की 10 साल तक सेवा की और अब सरकार की बारी है कि वह उन्हें सुरक्षित वापस लाए.