CM Tussle in Karnataka: कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री के चयन को लेकर गतिरोध चौथे दिन भी जारी, शिवकुमार व सिद्दारमैया पीछे हटने को तैयार नहीं

कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री के चयन को लेकर गतिरोध बुधवार को चौथे दिन भी जारी रहा. पार्टी नेता सिद्दारमैया और प्रदेश कांग्रेसअध्यक्ष डी.के. शिवकुमार इस पद के लिए अपने दावे से पीछे नहीं हट रहे हैं.

CM Tussle in Karnataka (Photo Credit: IANS)

बेंगलुरू, 17 मई: कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री के चयन को लेकर गतिरोध बुधवार को चौथे दिन भी जारी रहा. पार्टी नेता सिद्दारमैया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार इस पद के लिए अपने दावे से पीछे नहीं हट रहे हैं. कांग्रेस आलाकमान को उम्मीद है कि बुधवार को नई दिल्ली में बैठक के दौरान कोई न कोई समाधान निकल आएगा. यह भी पढ़ें: Karnataka: सिद्धरमैया ने 2019 लोकसभा चुनाव के बाद कुमारस्वामी सरकार गिराने का आश्वासन दिया था, के. सुधाकर ने सिद्धरमैया से किया सवाल

पार्टी सूत्रों ने कहा कि वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे शिवकुमार और सिद्दरमैया से बात करेंगे. सूत्रों के मुताबिक शिवकुमार दावा कर रहे हैं कि लगभग 25 वर्षों के बाद, वोक्कालिगा और लिंगायत समुदायों ने उनकी वजह से कांग्रेस को वोट दिया है और अगर उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया, तो पार्टी उनका समर्थन खो देगी.

उन्होंने उप मुख्यमंत्री का पद स्वीकार करने और सिद्दारमैया के साथ काम करने से इनकार कर दिया. शिवकुमार ने खड़गे से कहा कि इसके बजाय वह विधायक बने रहेंगे और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने उनसे यह भी कहा कि अगर खड़गे खुद मुख्यमंत्री बनते हैं, तो वह उन्हें पूरा समर्थन देंगे.

दूसरी ओर, सिद्दारमैया शिवकुमार के खिलाफ आपराधिक मामलों का हवाला दे रहे हैं और तर्क दे रहे हैं कि अगर शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाया जाता है, तो भाजपा इसका इस्तेमाल राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस पर हमला करने के लिए करेगी. सिद्दारमैया ने कहा कि अहिंडा वोट बैंक ने कांग्रेस की जीत में योगादान किया और वह उनके नेता हैं.

सूत्रों के मुताबिक उन्होंने कहा कि अगर उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया, तो कांग्रेस अगले साल लोकसभा चुनाव हार जाएगी. शिवकुमार ने खड़गे से कहा है कि दलित और अल्पसंख्यक वोट हमेशा कांग्रेस के पास थे और सिद्दारमैया उन्हें अपना नहीं बना सकते. हाईकमान दोनों के दावों पर गंभीरता से विचार कर रहा है. कांग्रेस नेतृत्व कर्नाटक से देश को एक संदेश देना चाहता है, वह नहीं चाहता कि कुछ भी गलत हो, जो पार्टी की गति को खराब करे.

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