मुंबई: सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा टूटने के मामले में सीएम एकनाथ शिंदे ने माफी मांगी है. मुख्यमंत्री ने कहा, 'छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का दुर्घटनाग्रस्त होना एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और हृदय विदारक घटना है, जिसने महाराष्ट्र के लोगों की भावनाओं को गहरे स्तर पर झकझोर दिया है. महाराज न केवल महाराष्ट्र के, बल्कि पूरे देश के लिए एक आदर्श और प्रेरणा स्रोत हैं. इस घटना पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने गहरे दुःख और पश्चाताप को व्यक्त करते हुए माफी मांगी है.
मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, "मैं शिव राय के चरणों में सिर रखकर 100 बार माफी मांगने के लिए तैयार हूं. महाराज हमारे भगवान हैं और उनके प्रति मेरी श्रद्धा अपार है." उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना का राजनीतिकरण करना और इसे विवाद का विषय बनाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. सीएम शिंदे ने कहा, "महाराज के आदर्शों के साथ राज्य चलाते हुए, मैं उन्हें नमन करता हूं और विपक्ष से अपील करता हूं कि वे इस घटना को राजनीतिक मुद्दा न बनाएं."
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का यह मुद्दा किसी भी प्रकार से राजनीतिक नहीं होना चाहिए. उन्होंने विपक्ष से आग्रह किया कि वे इस घटना को राजनीतिक रंग देने के बजाय इस बात पर ध्यान केंद्रित करें कि महाराज की प्रतिमा को कैसे भव्य और दिव्य तरीके से फिर से स्थापित किया जा सकता है.
सीएम शिंदे ने विपक्ष से की अपील
# Live📡| 29-08-2024 📍मुंबई 🎥| पत्रकारांशी संवाद https://t.co/HGjkv8XtQK
— Eknath Shinde - एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) August 29, 2024
दोबारा स्थापित होगी छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा
शिंदे ने कहा, "शिव भक्तों की भावनाएं बहुत प्रबल हैं, और उनकी इच्छा है कि महाराज की प्रतिमा जल्द से जल्द वहां स्थापित की जाए." उन्होंने आश्वासन दिया कि नई प्रतिमा को भव्य और मजबूत बनाया जाएगा, और यह ध्यान रखा जाएगा कि प्रतिमा को स्थापित करते समय मौसम और हवा की गति जैसे सभी तकनीकी पहलुओं का भी ध्यान रखा जाए.
इस घटना के बाद, मुख्यमंत्री ने तुरंत एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई जिसमें उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और नौसेना के अधिकारी भी शामिल थे. इस बैठक में दो समितियों का गठन किया गया है. पहली समिति इस हादसे की जांच करेगी और आवश्यक कार्रवाई की सिफारिश करेगी, जबकि दूसरी समिति में मूर्तिकारों, इंजीनियरों और नौसेना अधिकारियों को शामिल किया जाएगा जो महाराज की नई प्रतिमा के निर्माण और स्थापन में अपना अनुभव और विशेषज्ञता प्रदान करेंगे.
मुख्यमंत्री ने बताया कि नौसेना के अधिकारियों ने पूरे इलाके को सुरक्षित करने और प्रतिमा की दोबारा जांच करने का अनुरोध किया है. इस मांग को स्वीकार करते हुए शिंदे ने कहा कि जल्द ही महाराज की भव्य प्रतिमा फिर से स्थापित की जाएगी.