रतलाम: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रतलाम जिले के जावरा कस्बे में स्थित कुंदन कुटीर आश्रय गृह में बालिकाओं के साथ हुई ज्यादती की जांच के लिए बाल अधिकार संरक्षण आयोग (Child Rights Protection Commission) का तीन सदस्यीय दल यहां मंगलवार को पहुंचा. दल के सदस्य पहले जावरा गए और उसके बाद उन्होंने जिला मुख्यालय पर अधिकारियों से चर्चा की.
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, राज्य बाल अधिकार आयोग के इस दल में आयोग के सदस्य बृजेश चौहान, आशीष कपूर एवं द्रविंद्र मोरे शामिल हैं. इस दल ने पहले जावरा पहुंचकर आश्रय गृह का निरीक्षण किया और वहां मौजूद बालिकाओं से चर्चा की. दल के सदस्यों ने जिला मुख्यालय में प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के अलावा महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों से संयुक्त रूप से चर्चा की.
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पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी (Gaurav Tiwari) ने आईएएनएस को बताया, "यह आश्रय गृह वर्ष 2015 में शुरू हुआ था. आश्रय गृह में अबतक 310 से अधिक बालिकाओं के आने के विवरण मिले हैं. ये बालिकाएं कहां से आईं और बाद में इनमें से कौन कहां गया, इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. एसआईटी आगामी 15 दिनों में जांच पूरी कर लेगी."
पुलिस के अनुसार, 24 जनवरी को बालिका गृह से पांच बालिकाएं फरार हो गई थीं. कथित तौर पर आश्रय गृह की बालिकाओं ने आरोप लगाए हैं कि बालिका आश्रय गृह से जुड़े लोग उन्हें प्रताड़ित करते रहे हैं. इस मामले में पूर्व में चार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. आश्रय गृह से जुड़े लोगों से पूछताछ की जा रही है. कुछ बालिकाओं ने आश्रय गृह की अधीक्षिका पर कथित तौर पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं.