गोरखपुर, 3 अगस्त: यूपी के मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आईजीआरएस व जन शिकायतों का निस्तारण प्रभावी ढंग से किया जाये. जनप्रतिनिधि भी प्रतिदिन दो घंटे जनसुनवाई करें और अधिकारी जनप्रतिनिधियों से प्राप्त शिकायत पत्रों का निस्तारण गुणवत्तापरक करते हुए जनप्रतिनिधियों को निस्तारण से भी अवगत कराएं. मुख्यमंत्री योगी बुधवार को गोरखपुर कमिश्नरी सभागार में गोरखपुर मंडल के चार जनपदों (गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया व कुशीनगर) के विकास कार्यों, निमार्णाधीन परियोजनाओं व कानून व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे. तीन घंटे तक चली मैराथन समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को आयुष विश्वविद्यालय, कुशीनगर मेडिकल कॉलेज तथा बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक के कार्यों की जांच के लिए अलग-अलग कमेटी बनाकर एक सप्ताह में रिपोर्ट देने के लिए निर्देशित किया. साथ ही उन्होंने देवरिया जिले में जल निकासी की योजना में विलंब होने की जांच करने की हिदायत मंडलायुक्त को दी.
कहा कि जनप्रतिनिधियों को आकांक्षात्मक विकास खण्डों की जानकारी भी दी जाये. कहा कि जनप्रतिनिधियों के साथ बेहतर संवाद करके विकास कार्यक्रमों को गति देने के लिए कार्य करना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर मंडल के चारो जनपद बाढ़ एवं सूखा के लिए अपनी पूरी तैयारी रखें. अधिक वर्षा होने पर कहीं भी जल जमाव की स्थिति न रहने पाये. सीएम योगी ने कहा कि गोरखपुर मंडल इंसेफेलाइटिस के लिए संवेदनशील है. सभी जिले अपना सर्विलांस बेहतर रखें. जिलाधिकारी तथा मुख्य चिकित्साधिकारी लगातार समीक्षा करें. कोई भी मरीज 102 व 108 एम्बुलेंस के अलावा किसी अन्य साधन से न आये. यह भी पढ़ें : राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर बोला हमला, कहा- हमें डरा कर चुप कराने की कोशिश की जा रही है
सीएम योगी ने कहा कि धर्मस्थलों के लाउडस्पीकर के आवाज को धीमा रखा जाये. इसके लिए थाना, स्तर पर जिम्मेदारी दी जाये. पर्व एवं त्यौहारो के ²ष्टिगत निर्देश देते हुए सीएम योगी ने कहा कि किसी सार्वजनिक स्थान पर ताजिया आदि न रखी जाये. किसी भी शोभायात्रा में अस्त्र-शस्त्र का प्रयोग न हो. डीजे आदि का आवाज भी धीमी रहे. उन्होंने कहा कि कहीं भी टैम्पो स्थल, बस स्टेशनो पर अवैध वसूली की शिकायत न आये. यदि कहीं शिकायत मिलती है तो कठोरतम कार्रवाई की जाये. स्कूल चलो अभियान की समीक्षा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि बेसिक शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि सभी बच्चों के अभिभावक खाते में आई रकम का इस्तेमाल यूनिफार्म, आदि के लिए ही करें. सभी बच्चे यूनिफार्म में ही स्कूल आएं.