Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित क्षेत्र के जवानों को 3 माह में एक बार मिलेगा 8 दिन का अवकाश
छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद पुलिस जवानों को साप्ताहिक अवकाश दिए जाने का फैसला हुआ है. आदेश भी जारी कर दिया गया है. इस व्यवस्था में नक्सल प्रभावित जवानों को साप्ताहिक अवकाश के बदले तीन माह में एक बार में आठ दिन की छुट्टी मिलेगी.
रायपुर, 19 जनवरी : छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद पुलिस जवानों को साप्ताहिक अवकाश दिए जाने का फैसला हुआ है. आदेश भी जारी कर दिया गया है. इस व्यवस्था में नक्सल प्रभावित जवानों को साप्ताहिक अवकाश के बदले तीन माह में एक बार में आठ दिन की छुट्टी मिलेगी. राज्य सरकार ने पुलिस कर्मचारियों की कार्य की प्रवृत्ति एवं कार्य के दबाव को देखते हुए मैदानी क्षेत्रों में पदस्थ आरक्षक से निरीक्षक स्तर के पदस्थ पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को एक दिन का साप्ताहिक अवकाश देने का फैसला लिया है.
पुलिस मुख्यालय छत्तीसगढ़ से जारी परिपत्र के अनुसार, थाना एवं जिले में तैनात छत्तीसगढ़ सशस्त्र पुलिस बल की कंपनियों में तैनात पुलिस कर्मियों के लिए साप्ताहिक अवकाश देने की प्रक्रिया तय कर दी गई है. थाने में पदस्थ कर्मियों के लिए एक दिवसीय साप्ताहिक अवकाश प्रारंभिक तौर पर आरक्षक से निरीक्षक स्तर के अधिकारियों व कर्मचारियों को देय होगा. नक्सल प्रभावित एवं दुर्गम क्षेत्र में पदस्थ जिला पुलिस बल के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश के स्थान पर तीन माह में एक बार आठ दिन का अवकाश दिया जाएगा. यह भी पढ़ें : Ram Mandir Inauguration: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए गाजियाबाद पुलिस अलर्ट पर, किया फ्लैग मार्च
अवकाश की तय की गई व्यवस्था के अनुसार, थाने में पदस्थ कर्मियों को रात्रि ड्यूटी करने के पश्चात् पूरे 24 घंटे का अवकाश सप्ताह में एक बार दिया जायेगा. यानि कोई पुलिसकर्मी यदि रात्रि ड्यूटी करने के पश्चात् जाता है, तो उसे उस दिन एवं अगले दिन की प्रातः गणना तक उपस्थिति से छूट मिलेगी. यह साप्ताहिक अवकाश रात्रि ड्यूटी के पश्चात् प्रारंभ होकर अगले दिन प्रातः गणना व रोल कॉल तक के लिए रहेगा.
कई बार परिस्थितियां ऐसी आती हैं जब साप्ताहिक अवकाश संभव नहीं है तो उसके लिए तय किया गया है कि यदि किसी कारणवश जैसे वीआईपी मूवमेंट एवं कानून व्यवस्था की संगीन स्थिति के चलते प्रत्येक कर्मी को साप्ताहिक अवकाश नहीं दिया जाता है, तो एक दिन की अधिकतम सीमा तक जमा होगी और सुनिश्चित किया जायेगा कि उसे उसी माह में यथासंभव यह सुविधा उपलब्ध करा दी जाए. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विषम सुरक्षात्मक कारणों से यह अवकाश निरस्त किया जा सकेगा. उपरोक्त परिस्थितियों में इकाई प्रमुख का निर्णय अंतिम होगा.