रांची, 18 नवंबर : झारखंड में जेलों की चहारदीवारी के भीतर भी छठ महापर्व को लेकर भक्ति और आस्था का अनूठा माहौल है. राज्य की अलग-अलग जेलों में इस वर्ष तकरीबन 80 कैदी छठ व्रत कर रहे हैं. शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ इन बंदियों ने व्रत का संकल्प लिया. शनिवार शाम खरना पूजा के लिए खीर-रोटियां बनाई जा रही हैं. जेलों में प्रशासन ने इन सभी के लिए फल-फूल, प्रसाद, सूप-दौरी, नये वस्त्र और पूजन सामग्री का इंतजाम किया है. सूर्य देवता को अर्घ्य देने के लिए जेलों के अंदर ही अस्थायी तालाब या कृत्रिम जलाशय बनवाये गये हैं.
छठ पर तीन दिनों का निर्जला उपवास करने वाले बंदियों में एक दर्जन ऐसे हैं, जो हत्या जैसे अपराधों के लिए सजा काट रहे हैं. छोटे-बड़े अपराधों के चलते जेल पहुंचे कैदी अपने गुनाहों के लिए छठ माता से क्षमा मांगेंगे. झारखंड की सबसे पुरानी और ऐतिहासिक हजारीबाग स्थित जयप्रकाश केंद्रीय कारा के अधीक्षक ने बताया कि इस वर्ष 40 कैदी छठ व्रत कर रहे हैं. इनमें महिला और पुरुष दोनों हैं. शनिवार को पूरे दिन उपवास के बाद व्रती शाम में खरना करेंगे. खरना प्रसाद के लिए खीर-रोटी बनायी जा रही है. रविवार को जेल में ही बने तालाब पर शाम का अर्घ्य और सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा. यह भी पढ़ें : खरगे व गहलोत अस्पताल में भर्ती इंजीनियर से मिले, भाजपा को दलित विरोधी बताया
छठ घाट पर विशेष सजावट भी की गयी है. विशेष प्रसाद ठेकुआ बनाने में व्रतियों के साथ-साथ कई अन्य कैदी सहयोग कर रहे हैं. जेल प्रशासन ने सभी को मंजूरी देते हुए उनके लिए सभी जरूरी व्यवस्था उपलब्ध करायी है. शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ ही चहारदीवारी के भीतर छठ गीत गूंजने लगे थे.
जेल अधीक्षक के अनुसार, व्रत को लेकर सामान्य कैदी भी उत्साहित हैं और वे इसके लिए हर तरह की व्यवस्था में हाथ बंटा रहे हैं. जमशेदपुर स्थित घाघीडीह सेंट्रल जेल में करीब एक दर्जन और रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में पांच महिलाएं और एक पुरुष कैदी छठ की उपासना कर रहे हैं. रांची जेल में छठ व्रत पर उपवास करने वालों में सितारा देवी, संतोषी देवी, ललिता देवी, सरिता देवी के अलावा कृष्णदेव महतो शामिल हैं.
रांची में जेल प्रशासन ने जेल के भीतर स्थित तालाब को साफ करवाया है, जहां श्रद्धालु भगवान भास्कर को अर्ध्य अर्पित करेंगे. पलामू स्थित मेदिनीनगर सेंट्रल जेल में भी 12 कैदी छठ व्रत पर उपासना में जुटे हैं. इनमें कुछ ऐसे हैं, जो नक्सली वारदातों में शामिल रहे हैं और जेल लाये जाने के पहले पुलिस के लिए मोस्ट वांटेड हुआ करते थे.
यहां भी अर्घ्य के लिए टंकी बनायी गयी है. जेल प्रशासन के सहयोग से साफ-सफाई से सजावट तक की व्यवस्था कैदियों ने ही की है. धनबाद मंडल कारा में आधा दर्जन कैदी छठ की उपासना में जुटे हैं. देवघर, दुमका, कोडरमा सहित राज्य की अन्य कई जेलों में व्रत करने वाले कैदियों के लिए जेल प्रशासन की तरफ से जरूरी व्यवस्थाएं की गई हैं.