चेन्नई: तमिलनाडु में जांच में लापरवाही बरतने के आरोप में 7,324 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है. प्रशासन ने मद्रास उच्च न्यायालय को बताया की सभी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है. सभी ने जरुरी समय सीमा के अंदर अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने में नाकाम रहे. जिसके कारण 2.14 लाख से ज्यादा प्राथमिकियों पर कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई और मामला बंद करना पड़ा.
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कार्यालय द्वारा मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) में दिए गए हलफनामें के मुताबिक साल 2010 से 2018 के बीच पुलिस के समय पर आरोपपत्र दाखिल नहीं करने के कारण 1,72,602 मामलों को निचली अदालत ने बंद किया. अदालत को यह भी बताया गया कि 2009 से 2014 के बीच कुल 2,14,901 प्राथमिकियों को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने बंद कर दिया.
इसके साथ ही डीजीपी कार्यालय ने बताया कि 7,324 जांच अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है. बता दें कि जस्टिस मुरलीधरण ने अपने आदेश में जवाब मंगाते हुए कहा था कि मजिस्ट्रेट कोर्ट में बंद किए जाने वाले मामलों का सही तरीके से रिकॉर्ड नहीं रखा जा रहा है. जिसके जवाब में डीजीपी कार्यालय ने यह हलफनामा दायर किया.