Chardham Yatra: चारधाम यात्रियों को दिया जाएगा एक लाख रुपये का बीमा, मंदिर परिसर में जान जाने पर मिलेगी राशि
वर्ष 2013 की आपदा के बाद पुनर्निर्माण से केदारपुरी भव्य व दिव्य रूप ले रही है. मास्टर प्लान के तहत केदारनाथ मंदिर परिसर को विशाल और भव्य बनाया गया है. लेकिन बाबा केदार के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु कई बार जूते चप्पल पहन कर मंदिर के पास तक पहुंच रहे हैं. मंदिर के मुख्य द्वार पर नंदी की मूर्ति स्थापित है, यहां तक श्रद्धालु जूते चप्पल पहन कर चले जाते हैं.
देहरादून: चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) पर आने वाले तीर्थयात्रियों को पहली बार एक लाख का बीमा (Insurance) कवर दिया गया है. बदरीनाथ (Badrinath), केदारनाथ (Kedarnath), गंगोत्री (Gangotri) व यमुनोत्री (Yamunotri) परिसर में यदि तीर्थयात्री की किसी भी दुर्घटना में आकस्मिक मृत्यु होती है तो मानव उत्थान सेवा समिति (Manav Utthan Sewa Samiti) के सहयोग से मंदिर समिति बीमा (Temple Committee Insurance) की सुविधा देगी. यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी (United India Insurance Company) के माध्यम से बीमा राशि का भुगतान किया जाएगा. बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय (Ajendra Ajay) ने मानव उत्थान सेवा समिति के संस्थापक एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज (Satpal Maharaj) का आभार जताया. उन्होंने कहा कि पर्यटन मंत्री के प्रयासों से तीर्थयात्रियों को बीमा कवर की सुविधा मिली है. मानव उत्थान सेवा समिति की ओर से बीमा का प्रीमियम युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को दिया गया है. Chardham Yatra: 6 दिन में 20 तीर्थयात्रियों की मौत, बीमार व बुजुर्ग श्रद्धालुओं को भारी पड़ रही चार धाम यात्रा
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने इस संबंध में उपजिलाधिकारी जोशीमठ, उखीमठ, बड़कोट (यमुनोत्री), भटवाड़ी (गंगोत्री) को पत्र लिखकर सूचित किया है कि मंदिर परिसर क्षेत्र में किसी दुर्घटना पर यह बीमा कवर दिया जाएगा. पत्र में बीमा राशि के भुगतान के संबंध में बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति को सूचित करने को कहा गया है. बीमा राशि का भुगतान मंदिर समिति के माध्यम से युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से दिया जाएगा.
केदारनाथ में जूते-चप्पल पहन कर मंदिर के पास नहीं जा सकेंगे श्रद्धालु
केदारनाथ में मंदिर परिसर के पास जूते-चप्पल पहनकर जाने पर जल्द रोक लगने जा रही है. बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने शासन को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा है. अभी कई श्रद्धालु नंदी की मूर्ति तक जूते-चप्पल पहन कर पहुंच रहे हैं, इससे केदारनाथ धाम की पवित्रता और धार्मिक आस्था को ठेस पहुंच रही है.
वर्ष 2013 की आपदा के बाद पुनर्निर्माण से केदारपुरी भव्य व दिव्य रूप ले रही है. मास्टर प्लान के तहत केदारनाथ मंदिर परिसर को विशाल और भव्य बनाया गया है. लेकिन बाबा केदार के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु कई बार जूते चप्पल पहन कर मंदिर के पास तक पहुंच रहे हैं. मंदिर के मुख्य द्वार पर नंदी की मूर्ति स्थापित है, यहां तक श्रद्धालु जूते चप्पल पहन कर चले जाते हैं.
बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर को एक प्रस्ताव भेजा है. इसमें केदारनाथ मंदिर की पवित्रता और धार्मिक भावनाओं को देखते हुए जूते चप्पलों के साथ प्रवेश के लिए एक निश्चित दूरी निर्धारित करने की बात कही गई है. इसके अलावा मंदिर की परिक्रमा के लिए उचित दूरी का सीमांकन करने का आग्रह भी किया गया है. अजेंद्र का कहना है कि इस संबंध में मुख्य वास्तुविद धर्मेश गंगानी के साथ भी विचार विमर्श किया गया है.