Char Dham Yatra: उत्तराखंड में बर्फबारी के बीच फिर शुरु हुई चार-धाम यात्रा, रास्ते से बर्फ हटाने में जुटा प्रशासन

Char Dham Yatra: उत्तरी राज्यों में पारा लुढ़क गया है. कहीं बारिश तो कहीं बर्फबारी का सिलसिला जारी है. कश्मीर के बाद अब उत्तराखंड (Uttarakhand Snowfall) के पहड़ी इलाकों में बर्फबारी जारी है.

फोटो-एएनआई

Char Dham Yatra: उत्तरी राज्यों में पारा लुढ़क गया है. कहीं बारिश तो कहीं बर्फबारी का सिलसिला जारी है. कश्मीर के बाद अब उत्तराखंड (Uttarakhand Snowfall) के पहड़ी इलाकों में बर्फबारी जारी है. वहीं इस बीच उत्तराखंड प्रशासन ने कहा है कि इस बर्फबारी के बीच भी चारधाम यात्रा जारी है. वहीं केदारनाथ धाम से कुछ तस्वीरें सामने आईं हैं. इसमें देखा जा सकता है कि कैसे ये लोग बर्फ हटा रहे हैं और यात्रियों के लिए रास्ता साफ कर रहे हैं. उत्तराखंड में प्रकृति का कहर: 72 घंटे में गई 72 लोगों की जान, कई लापता, 224 घर तबाह

बता दें कि खराब मौसम के बावजदू भी चाधाम यात्रा मार्ग सुचारू रूप से चल रहा है. इससे पहले शुक्रवार सुबह यमुनोत्री धाम जाने के लिए अंतिम पड़ाव जानकीचट्टी में तीर्थयात्रियों की भीड़ उमड़ी थी. इस मामले में चौकी इंचार्ज गंभीर तोमर ने बताया कि सुबह से अब तक 1200 तीर्थयात्री यमुनोत्री धाम पहुंचे थे. वहीं, सुबह जोशीमठ और हेमकुंड साहिब में जबरदस्त बर्फबारी हुई थी. इस इलाके में एक से दो फीट तक बर्फ जम गई है.

वहीं दूसरी ओर मलारी हाईवे शुक्रवार को पांचवे दिन भी वाहनों की आवाजाही के लिए नहीं खुल पाया था. यहां दो जगहों पर चट्टान टूटने से हाईवे पूरी तरह से ध्वस्त हो गया. चट्टान से बड़े-बड़े बोल्डर हाईवे पर अटके हुए हैं, जिससे सीमांत क्षेत्र के गांवों के ग्रामीणों के साथ ही सेना के जवानों को भी आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

 

बता दें कि तिब्बत (चीन) सीमा क्षेत्र के गांवों में पिछले चार दिनों से बिजली और संचार सेवा भी ठप है. इससे पहले 17 अक्टूबर की रात से क्षेत्र में भारी बारिश के बाद तमकनाला, भापकुंड और तपोवन से करीब दो किलोमीटर आगे हाईवे अवरुद्ध हो गया था. तीन दिनों से बीआरओ की टीम और मशीनें बदरीनाथ हाईवे को खोलने में जुटी हुई है.

वहीं पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि राज्य अब आपदा के संकटकाल से उबर चुका है. उन्होंने बताया कि तीर्थयात्रियों के लिए अब चारधाम यात्रा पूरी तरह से सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि समय पर रेस्क्यू अभियान शुरू होने से हम केदारनाथ में फंसे 13 हजार यात्रियों को सुरक्षित निकालने में कामयाब रहे हैं.

Share Now

\