देहरादून: उत्तराखंड (Uttarakhand) में भारी बारिश ने बीते हफ्ते खूब तबाही मचाई है. कई स्थानों पर तो आज भी हालात खराब है और लगातार तलाश और बचाव अभियान चल रहा है. उत्तराखंड सरकार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 17 से 19 अक्टूबर तक प्राकृतिक आपदा की कई घटनाओं में कुल 72 लोगों की जान चली गई और 26 लोग घायल हो गए. जबकि इन घटनाओं में चार लोग अब भी लापता हैं और 224 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. उत्तराखंड: भारतीय वायु सेना ने चिनूक से 49 नागरिकों को गुंजी से पिथौरागड़ एयरलिफ्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रविवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर राज्य के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे राहत, बचाव एवं निर्माण कार्यों के बारे में जानकारी ली. धामी ने प्रधानमंत्री को राज्य में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों के बारे मे अवगत कराते हुए आपदा प्रभावितो को दी जा रही आर्थिक सहायता एवं पुनर्वास के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
A total of 72 people lost their lives and 26 people got injured in several incidents of natural disaster from Oct 17 to 19, said the Uttarakhand government in a report yesterday.
Four people are still missing, and 224 houses got damaged in these incidents, reads the report.
— ANI (@ANI) October 25, 2021
दर्जनभर से ज्यादा ट्रैकर्स की मौत
उत्तरकाशी के हर्षिल से लमखागा दर्रे से होकर हिमाचल प्रदेश के चितकुल की ट्रैकिंग के दौरान खराब मौसम के कारण लापता 11 में से सात लोगों के शव बरामद कर लिये गए जबकि दो अन्य अभी लापता हैं. इस दल के दो सदस्य घायल अवस्था में पहले ही मिल चुके हैं जिनका अस्पतालों में उपचार चल रहा है. उत्तरकाशी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि उत्तरकाशी जिला अस्पताल में पांच ट्रैकर्स के शवों का पोस्टमार्टम किया गया जिनमें से चार पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे और एक महिला दिल्ली की रहने वाली थी.
उधर, बागेश्वर जिले के कपकोट में सुंदरढूंगा ट्रैक से लापता छह ट्रैकर्स में से पांच के शव बरामद कर लिए गए हैं जबकि एक अन्य अभी लापता हैं जिसकी तलाश के लिए राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) अभियान चला रही है. उधर, कफनी ग्लेशियर में फंसे 19 लोगों को सकुशल निकाल कर उनके गांव छूनी पहुंचाया गया जबकि पिंडारी ग्लेशियर से 33 लोगों को सुरक्षित बचाया गया.
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
हाल में प्रदेश में लगातार तीन दिन अतिवृष्टि से व्यापक तबाही हुई जिसमें 70 से ज्यादा व्यक्तियों की मौत के साथ ही मकानों, सडकों और फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा. स्थानीय प्रशासन और एसडीआरएफ अन्य स्थानों पर फंसे लोगों का पता लगाने के लिए रेस्क्यू टीमों को पैदल मार्ग से भेज रही है जबकि कुछ स्थानों पर हैलीकाप्टर से लापता लोगों की तलाश की जा रही है.